September 29, 2024

सिद्धवट पर श्रद्धालुओं को दूध चढ़ाने से रोका, हंगामा

उज्जैन,03 जुलाई(इ खबरटुडे)।आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर रविवार को हजारों भक्त सिद्धवट का दुग्धाभिषेक नहीं कर पाए। मंदिर प्रशासन ने भक्तों को दूध चढ़ाने से रोक दिया। धर्म परंपरा के टूटने से गुस्साए श्रद्धालुओं ने हंगामा कर दिया। बाद में पुजारियों ने भक्तों को वृक्ष की बजाए प्रतिमा पर प्रतीकात्मक दुग्धाभिषेक करने की अनुमति दी। बताया जाता है कि कलेक्टर के आदेश पर दुग्धाभिषेक पर रोक लगाई गई।

पितरों की तृप्ति के लिए कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर सिद्धवट (प्राचीन वटवृक्ष) पर दुग्ध् अर्पित करने की प्राचीन परंपरा है। रविवार सुबह 5 बजे से हजारों भक्त सिद्धवट का दुग्धाभिषेक करने के लिए कतार में खड़े थे। आरती के बाद जब भक्तों को दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश दिया गया, तब ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों ने उन्हें दूध नहीं चढ़ाने दिया। हजारों भक्त बिना दूध चढ़ाए केवल दर्शन कर लौट गए। बाद में कुछ भक्तों ने इसका विरोध किया। देखते ही देखते हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद पुजारियों ने सिद्धवट भगवान के मुघौटे पर प्रतीकात्मक दुग्धाभिषेक की अनुमति दी, इसके बाद मामला शांत हुआ।
कलेक्टर ने दिया था मौखिक आदेश
सिद्धवट के पुजारी पं.सुरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया शनिवार शाम पुलिस कंट्रोल रूम में हुई शांति समिति की बैठक में उविप्रा के पूर्व अध्यक्ष किशोर खंडेलवाल ने सिद्धवट पर दुग्धाभिषेक से सिद्धवृक्ष को होने वाली हानि तथा इसके कारण दर्शन में देरी को लेकर शिकायत की थी। मामले में कलेक्टर ने मौखिक आदेश दिया था। इसके चलते सुबह भक्तों को दूध् चढ़ाने से रोका गया।
एक-दो दिन में लगेंगे दुग्ध पात्र
पं.चतुर्वेदी ने बताया सिद्धवट का दुग्धाभिषेक करने के लिए मंदिर के बाहर दुग्ध पात्र लगेंगे। भक्त बाहर से दूध् चढ़ाते हुए आगे की ओर निकल जाएंगे। इससे दर्शन मे कम समय लगेगा तथा वृक्ष पर भी दूध की अधिक मात्रा नहीं चढ़ेगी।
वृक्ष के आसपाल जाली लगाई
मंदिर में सिद्धवट वृक्ष के आसपास जाली लगा दी गई है। इससे श्रद्धालु वृक्ष के नजदीक तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बताया जाता है दूध चढ़ाने से वृक्ष की जड़ें सड़ने लगी हैं।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds