November 20, 2024

भोपाल,13 अगस्त(इ ख़बर टुडे)।‘सिटी ऑफ जॉय” के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटन स्थल मांडू को अब विश्व धरोहर बनाने के लिए सरकार ने भी जतन शुरू कर दिए हैं। दो दशक से मांडू का नाम यूनेस्को तक भेजा जा रहा है, लेकिन कोई न कोई दस्तावेजी कमी उसे विश्व विरासत का दर्जा दिलाने से रोक देती है।

मध्यप्रदेश सरकार ने अब मांडू का डोजियर तैयार कर केंद्र सरकार की मदद से यूनेस्को को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है। विंध्याचल की पहाड़ियों में बसे करीब 1400 साल पुरातात्विक इतिहास समेटे इस धरोहर की खूबसूरती का जिक्र विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक दस्तावेज ‘जहांगीरनामा और अकबरनामा” में भी दर्ज है।

 

मांडू में एक साथ कई खूबियां मौजूद हैं, विश्व विरासत के लिए ‘मूर्त और अमूर्त सांस्कृतिक विरासत” के रूप में दावा किया गया है।

सरकार का दावा है कि यूनेस्को द्वारा निर्धारित 10 में से तीन मानदंडों पर मांडू पूरी तरह खरा उतरता है, जबकि विश्व धरोहर के लिए एक कैटेगरी पूरी करना ही पर्याप्त माना जाता है। मप्र में अभी सांची के स्तूप, खजुराहो के मंदिर और भीमबैठिका को विश्व विरासत का दर्जा प्राप्त है।

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