सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आग और विद्युत दुर्घटना से बचाव के होंगे पक्के इंतजाम
बड़े टेंटों में उपलब्ध रहेंगे अग्नि-शमन यंत्र
भोपाल ,2 जनवरी (इ खबरटुडे)। उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ के दौरान मेला क्षेत्र में आपदा प्रबंधन में आग एवं विद्युत दुर्घटना से बचाव के पक्के इंतजाम होंगे। इसके लिये भू-खण्ड प्राप्तकर्ताओं के साथ-साथ विद्युत व्यवस्था में लगे कर्मचारियों को निर्देशित किया जायेगा। आपदा प्रबंधन 30 नियम बिन्दु के आधार पर सुनिश्चित किया जायेगा।
मेला क्षेत्र में व्यापारियों, संस्थाओं, साधुओं द्वारा भवन, गुमटी, झोपड़ी और अन्य संरचना का निर्माण जल्दी आग पकड़ने वाली वस्तुओं और घास-फूस आदि से नहीं किया जा सकेगा। क्षेत्र में पण्डाल और तम्बू में योग्य लायसेंसधारक विद्युत इंजीनियर से ही विद्युत वायरिंग करवायी जायेगी। प्रत्येक परिपथ का लोड इंस्यूलेशन परीक्षण निर्धारित मापदण्ड अनुसार होगा। इलेक्ट्रिक वायरिंग उत्तम गुणवत्ता वाले वल्केनाइज्ड रबर केबल द्वारा की जायेगी। सभी इलेक्ट्रिक जोड़ पॅर्सिलीन इन्यूलेटर कनेक्टर के माध्यम से जोड़े जायेंगे। पण्डाल और तम्बू में गैस बत्ती चिमनी के उपयोग में विशेष सावधानी रखी जायेगी। गैस बत्ती पण्डाल की छत में नहीं लटकना चाहिये। पण्डाल में खुली आग का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इन सभी स्थितियों के निरीक्षण के लिये पर्याप्त कर्मचारियों की सेवा ली जायेगी। मेला क्षेत्र में स्थापित होने वाले विद्युत सुधार केन्द्रों पर 24 घंटे विद्युत कर्मचारी की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी।
मेला क्षेत्र में लगाये जाने वाले बड़े-बड़े टेंट और डोम इस प्रकार से बनाये जायेंगे कि टेंटों के बीच फायर वाहनों को आने-जाने के लिये कम से कम 8 मीटर का रास्ता उपलब्ध रहे। टेंटों में प्राथमिक-स्तर पर आग रोकने के लिये पूरे इंतजाम रहेंगे। बड़े टेंट में अग्नि-शमन यंत्र रखे जायेंगे और 200 लीटर पानी के 2 ड्रम भी रखे जायेंगे। टेंटों का निर्माण प्रतिरोधक कपड़े या अग्निरोधी घोल से उपचारित कपड़े से किया जायेगा। पण्डाल में इलेक्ट्रिक हीटर्स का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। पण्डाल के अंदर भट्टी का भी प्रयोग नहीं किया जायेगा। आपदा प्रबंधन में यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि साधु-संतों के शिविरों और उनके भोजन-गृह के बीच की दूरी कम से कम 30 मीटर हो। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए टेंट और झोपड़ी में ज्वलनशील सामग्री जैसे पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और स्प्रिट सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति के बिना नहीं रखी जा सकेगी। इसके लिये अलग से केम्पों से कम से कम 50 मीटर की दूरी पर खुले स्थान पर स्टोर बनाये जायेंगे। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में फायर और पुलिस स्टेशन के नम्बर प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर लिखे जायेंगे।