सिंहस्थ में सेवा कार्य में जुटे कोलकाता के स्वयंसेवक
अब तक 11 श्रद्धालु को डूबने से बचाया
उज्जैन30 अप्रैल(इ खबरटुडे)|जन-कल्याण के उद्देश्य को लेकर कोलकाता से आकर सिंहस्थ में भारत सेवाश्रम संघ के 100 स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। उनके साथ 50 स्थानीय स्वयंसेवक भी अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। यह स्वयंसेवक घाटों पर ड्राउनिंग आपदा प्रबंधन सेवा देने होमगार्ड के साथ समन्वय से कार्य कर रहे हैं।
दुर्घटना की स्थिति में पूरे देश और विदेश में भी अपनी सेवाएँ देते हैं
मेला क्षेत्र में कर्कराज मंदिर, नृसिंह, रामघाट, भूखी माता एवं गुरू नानक में बीस-बीस स्वयंसेवक और दत्त अखाड़ा घाट में पचास स्वयंसेवक अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। ये स्वयंसेवक बाढ़, भूकम्प, सुनामी, अन्य प्राकृतिक आपदा, अग्नि दुर्घटना की स्थिति में पूरे देश और विदेश में भी अपनी सेवाएँ देते हैं। स्वयंसेवकों द्वारा नेपाल के भूकम्प में प्रभावितों की भी सहायता की गई थी।
संघ की स्थापना 1917 में युगाचार्य स्वामी प्रणवानंद ने की थी
स्वयंसेवक विशेष प्रशिक्षण प्राप्त हैं। स्वयंसेवकों के पास फर्स्ट-एड बाक्स, लाईफ-जैकेट एवं लाईफ-बॉय उपलब्ध रहता है। भारत सेवाश्रम के स्वामी सौरभानंद ने बताया कि अब तक सिंहस्थ में उनके स्वयंसेवकों द्वारा घाटों पर 11 श्रद्धालुओं को डूबने से बचाया गया। भारत सेवाश्रम संघ का सिंहस्थ में अस्थाई आश्रम तथा दत्त अखाड़ा क्षेत्र में भूखी माता रोड पर प्लॉट नम्बर 312 पर सेवा शिविर है। शिविर में 10 बिस्तर के अस्पताल और एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध है। संघ की स्थापना 1917 में युगाचार्य स्वामी प्रणवानंद ने की थी। सेवाश्रम संघ के स्वयंसेवक सभी स्थान पर लगने वाले कुम्भ और विभिन्न आपदाओं में अपनी सेवाएँ देते हैं।