November 14, 2024

सिंहस्थ क्षेत्र में पानी का मुद्दा गहराया

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पीएस राय पर गिरी गाज
 
उज्जैन,01अप्रैल(इ खबरटुडे)।सिंहस्थ पड़ाव क्षेत्र में जैसा कि उम्मीद थी पानी का मुद्दा गर्मी बढऩे के साथ ही गहराता जा रहा है। इस पूरे मामले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पीएस अश्विनी राय पर गाज गिरी है। वैसे विभागीय असंतोष और अन्य मामले भी इसमें जोडक़र बताये जा रहे हैं।

व्यवस्थाएं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शुरू से ही गंभीर
सिंहस्थ-2016 के लिये पुख्ता व्यवस्थाएं किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शुरू से ही गंभीर बने रहे। उनकी मंशाओं के विपरीत वर्तमान में हालात सामने आये। सिंहस्थ क्षेत्र में संत आ गए। पड़ाव स्थलों पर पानी के हालात अब भी नहीं सुधर पा रहे हैं। आये दिन लाइन लिकेज हो रही है और ज्वाइंट खुल रहे हैं।
127 कि.मी. लाइन डाली
सिंहस्थ पड़ाव और सेटेलाइट टाउन क्षेत्र में पीएचई ने 127 कि.मी. की पाइप लाइन डाली है। इसमें 300-400 मि.मी. व्यास की लाइन से लेकर 80 मि.मी. व्यास पाइप लाइन डाली गई है। लंबे समय से इसका काम चल रहा था।
वर्तमान हालात 
सिंहस्थ के पड़ाव क्षेत्र में अभी संतों का आगमन शुरु हुआ है। प्रत्येक 10 में से 4 पड़ाव पर नल कनेक्शन शुरु हुए हैं। ऐसे में लाइन प्रेशर अधिक होने के कारण एचडीटीई (हाईडेंसिटी पोलीइथाइलीन) की लाइन में ज्वाइंट खुलने और कम्पोजिंग वाल्व लिकेज की स्थिति बराबर बन रही है। इस कारण से जिन पड़ावों पर संत पहुंच चुके हैं वहां भी पानी का अभाव बन रहा है। मंगलनाथ झोन के एक बड़े हिस्से में यह समस्या है। उजडख़ेड़ा क्षेत्र सहित भूखी माता सेक्टर में भी पानी के हालात ठीक नहीं है। जिसे सुधारने की कवायद बार-बार की जा रही है।
प्रेशर अधिक, नल कम
इस पूरे मामले में तकनीकी पक्ष के एक जानकार जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गंभीर की सप्लाय लाइन से पूरे मेला क्षेत्र में कनेक्शन दिये गये हैं। यह पम्पिंग लाइन है और इस लाइन में खासा प्रेशर रहता है। गंभीर से आने वाली क्लीयर वाटर की यह लाइन है। दोतरफा कनेक्शन इसमें दिये गये हैं। ज्यादा प्रेशर होने और एचडीटीई की लाइन होने से ज्वाइंट उखड़ रहे हैं। कम्पोजिंग वाल्व में लीकेज हो रहा है।
प्रेशर के मुकाबले कनेक्शन काफी कम
 तकनीकी जानकार के मुताबिक अभी जो कनेक्शन दिये गये हैं, उससे पम्पिंग लाइन का प्रेशर रिलीज नहीं हो पा रहा है, यानी कि प्रेशर के मुकाबले कनेक्शन काफी कम है। इसका असर लाइन पर पड़ रहा है। उनके मुताबिक जब तक अधिकांश कनेक्शन चालू नहीं हो जाते तब तक इस लाइन में यही हालात बने रहेंगे। एक बार पड़ाव क्षेत्र पूरी तरह भरने पर वहां अधिक से अधिक नल कनेक्शन लिये जायेंगे और उनका उपयोग होने लगेगा तो प्रेशर रिलीज होगा और कंट्रोल में आ जायेगा। जब तक ऐसी स्थिति नहीं बनती है तब तक लाइन में लीकेज रिपेयर की समस्या से जुझना पड़ेगा। इस तरह की लाइन का उपयोग मेला क्षेत्र में पहली बार किया गया है। यही कारण है कि यह कामयाब नहीं हो पा रहा है। प्रेशर बराबर विपरीत नहीं होगा तब तक समस्या बनी रहेगी।
मंगलनाथ झोन में लाइन फूटी phd light
गुरुवार को मंगलनाथ झोन में एक बार फिर । इस लाइन के फूटने से कई हजार गेलन पानी पास के ही नाले में ढह गया। यहां पीएचई के अधिकारी बाद में पहुंचे और उन्होंने इस पर काबू करने की कोशिश की। देर शाम इस पर काबू कर लिया गया था। यह स्थल अंकपात मार्ग के नजदीक ही था।

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