November 18, 2024

सामाजिक आतंकवाद है लिव-इन रिलेशनशिप: राजस्थान मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष

जयपुर, 20 अगस्त(इ खबरटुडे)। राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रकाश टाटिया ने लिव-इन रिलेशनशिप को ‘सामाजिक आतंकवाद’ करार दिया है. झारखंड हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस और राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व जज ने कहा, लिव-इन रिलेशनशिप में छोड़ी हुई महिला ‘तलाकशुदा महिलाओं से भी बुरी’ है. उन्होंने कहा, ‘यह कैसी आजादी है जिसमें समाज को बिना बताए किसी के साथ रहा जाता है. इससे समाज कलंकित होता है.’

लिव-इन रिलेशनशिप के लिए रजिस्ट्रेशन

उन्होंने  विवाह के मामले में रजिस्ट्रेशन के जरिए लिव-इन रिलेशनशिप को रेगुलेट करने के लिए कानून बुलाया. उन्होंने कहा कि ‘लिव-इन रिलेशन’ पर पाबंदी लगनी चाहिए. इसके लिए कानून की जरूरत है जैसे शादी के लिए रजिस्ट्रेशन को जरूरी किया गया है. दो लोग साथ रहकर समाज की प्रतिष्ठा को दांव पर नहीं लगा सकते, शादी की तरह ही लिव-इन के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होना चाहिए.’

लिव-इन रिलेशनशिप से उभरी कई दुखद कहानियां

उन्होंने बताया कि लिव-इन रिलेशनशिप के चलते बहुत दुखद कहानियां उभरी है. एक 50 साल की महिला को कैंसर होने के बाद उसका पार्टनर छोड़कर चला गया. फिर महिला ने एचआरसी से मदद मांगी. उन्होंने बताया कि वह तलाक के 10 साल बाद उसके साथ रह रही थी. जब उसे कैंसर का पता चला था, तो उसके पार्टनर ने उसे छोड़ दिया. फिर उसने एचआरसी से अपने मानव अधिकार के बारे में पूछा. इस पर  प्रकाश टाटिया ने कहा, ”अब, उसे क्या बताया जाना चाहिए. यही देश को तय करना है.”

बता दें कि इससे पहले राजस्थान की राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा भी कुछ इसी तरह का बयान दे चुकी हैं. उन्होंने कहा था कि वह लिव-इन रिलेशनशिप के खिलाफ कैंपेन चलाएंगी क्योंकि यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है. उन्होंने कहा था, ‘ऐसे रिश्ते खत्म होने पर सबसे ज्यादा महिलाओं को सहना पड़ता है. ऐसी महिलाओं की मदद करने का भी कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है.’

You may have missed