साधु-सन्तों ने प्रशासन के साथ किया सिंहस्थ मेला क्षेत्र का भ्रमण
सुविधाजनक, सुरक्षित घाट एवं शानदार रोड
उज्जैन 08 जनवरी(इ खबरटुडे)।सिंहस्थ-2016 के लिये कराये जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का मुआयना आज शुक्रवार को साधु-सन्तों ने प्रशासन एवं पुलिस के आला अधिकारियों के साथ किया। उन्होंने सिंहस्थ के लिये तैयार किये गये सुविधाजनक एवं सुरक्षित घाट तथा शानदार मार्गों का अवलोकन किया।
इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्रगिरिजी महाराज, सचिव हरिगिरिजी महाराज, अन्य साधु-सन्त, सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह, उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, सांसद चिन्तामणि मालवीय, संभागायुक्त रवीन्द्र पस्तोर, आईजी व्ही.मधुकुमार, डीआईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, मेला अधिकारी अविनाश लवानिया आदि उपस्थित थे।
सर्वप्रथम साधु-सन्तों द्वारा नीलगंगा क्षेत्र पहुंचकर वहां प्रशासन द्वारा 10 करोड़ रूपये की लागत से करवाये गये घाट, गेट, अखाड़ा भवन निर्माण तथा तालाब के फाउन्टेन के कार्य को देखा तथा कार्य की प्रशंसा की। स्वामी हरिगिरीजी महाराज ने सुझाव दिया कि तालाब के पानी को इसके नाम (नीलगंगा) की तरह ही स्वच्छ एवं निर्मल बनाया जाये।
बताया गया कि सिंहस्थ के दौरान 6 अखाड़ों अणि, जूना, आनन्द, निर्वाणी, अटल तथा आव्हान अखाड़ों की पेशवाई यहीं से प्रारम्भ होकर निकाली जायेगी। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि यहां साधु-समाज के लिये सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहियें।
अब नाले का पानी नहीं जाता शिप्रा में
भ्रमण के दौरान मेला अधिकारी अविनाश लवानिया ने साधु-सन्तों को उन नालों का अवलोकन कराया, जिनका पानी पहले शिप्रा में मिलता था, अब उन सभी को डायवर्ट कर दिया गया है तथा किसी भी नाले का पानी शिप्रा में नहीं मिलता। मंछामन नाले का अवलोकन कर साधु-सन्तों द्वारा इस कार्य की प्रशंसा की गई।
दिव्यांगों के लिये अच्छी व्यवस्था मेला अधिकारी ने बताया कि दिव्यांगों के स्नान के लिये पृथक से घाटों की व्यवस्था की गई है, जिनमें दो घाट लालपुल के पास हैं। त्रिवेणी घाट पर भी उनके लिये रैम्प बनाये जाने का सुझाव साधु-सन्तों द्वारा दिया गया।
इसके पश्चात् साधु-समाज एवं प्रशासन के दल द्वारा विभिन्न अखाड़ों में जाकर वहां प्रशासन द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों का अवलोकन किया गया। कार्य उच्च गुणवत्ता के हैं। साधु-सन्तों द्वारा कुछ अतिरिक्त निर्माण कार्य कराये जाने की मांग रखी गई, जिसे प्रशासन ने स्वीकार किया।
हाथी चलवाकर मजबूती दिखवा लीजिये
आव्हान अखाड़े के भ्रमण के दौरान जब अखाड़ा परिषद के सचिव श्री हरिगिरिजी महाराज ने मेला अधिकारी से वहां बनाये जा रहे भवन की मजबूती की बात पूछी तो मेला अधिकारी ने बताया कि इस भवन की छतें प्रशासन द्वारा डलवाई गई है जो उच्च गुणवत्ता की और मजबूत हैं। इनकी मजबूती का परीक्षण उन पर हाथी चलवाकर किया जा सकता है। अखाड़ा प्रमुख सत्यगिरिजी महाराज से भी मुलाकात की। साधु-सन्तों द्वारा पंच अग्नि अखाड़े में बाउंड्री वाल निर्माण का कार्य तथा निर्मल अखाड़ा में कक्ष निर्माण का कार्य देखा। वहां के प्रमुख सतपालसिंह महाराज ने बातचीत के दौरान वहां हॉल बनवाये जाने की मांग रखी गई।
दत्त अखाड़े में भोजनशाला बनवायें
अखाड़ा परिषद के सचिव हरिगिरि महाराज ने कहा कि दत्त अखाड़े में 200 गुणा 300 वर्गफीट की एक भोजनशाला बनवाई जाये। मेला अधिकारी ने बताया कि पूर्व में उन्होंने इस आकार का अस्थायी टेन्टेज बनवाने का सुझाव दिया था, जिसकी सहमति दी गई थी। चर्चा के अन्तर्गत अन्तिम रूप से 75 गुणा 150 फीट आकार का टीनशेड व कैंची लगवाने की सहमति बनी।
साधु-सन्तों का सम्मान किया
भ्रमण आज प्रात: 11 बजे से मेला कार्यालय से प्रारम्भ हुआ। साधु-सन्त, जनप्रतिनिधि, अधिकारी सभी बसों में बैठकर सिंहस्थ क्षेत्र के लिये रवाना हुए। दोपहर लगभग 3 बजे महाकाल प्रवचन हॉल में सभी के साथ भोजन किया। भोजन के दौरान 11 वेदपाठी बटुकों ने मंत्रोच्चार किया, जिससे पूरा वातावरण दिव्य हो गया। भोजन के अन्त में केन्द्रीय समिति अध्यक्ष माखनसिंह तथा मेला अधिकारी अविनाश लवानिया ने सभी साधु-सन्तों का सम्मान किया।
ये साधु-सन्त हुए शामिल
आवश्यकता के अनुसार अब भी कार्य किये जायेंगे
निर्माण कार्यों के आंकलन के दौरान पूरे प्रशासकीय अमले सहित संत समाज अपराह्न में दिगम्बर अणि अखाड़े पहुंचे। यहां श्री महन्त कृष्णदास ने अखाड़े के पीछे की दीवार ढहाकर हॉल बनाने की अपनी बात रखी।ज्ञात हो कि दो अन्य हॉल का निर्माण कार्य यहां अपने अंतिम चरण में है। इसके अलावा यहां 22×27 फीट का अतिरिक्त हॉल और फ्लोरिंग का कार्य कराने के लिए पूर्व में ही मेला कार्यालय के अधिकारियों से कहा गया था। जिसका कार्य अभी-अभी प्रारंभ कर नींव स्तर तक का कार्य कर दिया गया है। नगर निगम आयुक्त श्री लवानिया ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार सभी कार्य किये जायेंगे। फिलहाल दिगम्बर अणि अखाड़े में 60 से 65 लाख रूपये तक के निर्माण कार्य किये जा चुके हैं। यदि फिर भी अखाड़े में किसी अन्य निर्माण कार्य की आवश्यकता है तो उस पर भी विचार कर निर्माण कार्य किया जायेगा।