May 4, 2024

सात वर्ष बाद भी अधूरा देवासगेट का निर्माणाधीन द्वार

राजनीतिक द्वंद्व में फंसा महाकाल द्वार
 
उज्जैन,29 मार्च (इ खबरटुडे)। इसे राजनीतिक द्वंद्व कहें या समय का फेर। 7 वर्ष बाद भी देवासगेट पर बन रहा महाकाल द्वार अब भी अधूरा है। दो बार इसके लिये बजट पास हुआ फिर भी यह पूर्ण नहीं हो पाया। इसके बाद में भारी-भरकम द्वार के प्रस्ताव आये और वे पूर्ण हो गए। शुरुआती दौर से ही राजनीतिक खींचतान का असर इस द्वार पर रहा, संभवत: यही वजह है कि अब भी यह द्वार द्वंद्व में फंसा हुआ है।

दो बार बजट फिर भी अपूर्ण, न सौंदर्य न आकर्षण
देवासगेट से मालीपुरा के मोड़ पर महाकाल द्वार निर्माण का प्रस्ताव तत्कालीन महापौर सोनी मेहर के कार्यकाल के अंतिम दौर में आया था। तत्काल परिकल्पना तय की गई और भूमि पूजन भी कर दिया गया। महापौर सोनी मेहर के भूमि पूजन करने के दूसरे दिन भाजपा पक्ष की ओर से भी भूमि पूजन हुआ था। राजनीतिक द्वंद्व वहीं से शुरु होना बताया जाता है। इसके बाद तो इस द्वार का काम कछवे की चाल से ही कमजोर हो गया। 6 साल कब बीत गये, पता ही नहीं चला। इस बीच नगर निगम में दो बार द्वार के लिये बजट पारित किया गया। एक बार 37 लाख और दूसरी बार 15 लाख। कुल 52 लाख का बजट होने के बावजूद द्वार पूर्ण नहीं हो पाया।
अब भी यह द्वार अपूर्ण स्थिति में ही है। खास बात यह है कि इतना भारी-भरकम बजट होने के बावजूद न तो इस द्वार का सौंदर्य उभरकर सामने आ रहा है और न ही आकर्षण। इसके बाद निर्णय लिये गये द्वार पूर्णता की ओर है। इन्हीं में देवास रोड पर बनाया जा रहा कई स्तम्भों वाला करोड़ों रुपये का द्वार उल्लेखनीय है। मात्र कुछ वर्ष पूर्व इसका प्रस्ताव आया और पिछले वर्ष ही इस पर अमल शुरु हुआ। हालिया स्थिति में सिंहस्थ पूर्व इसके पूर्णत: बनने की सामने आ रही है। अप्रैल माह में द्वार पूर्ण हो जायेगा। दो बार बजट स्वीकृत हुआ है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds