सांसद भूरिया ने न्यायालय में पेश होकर कराई जमानत, मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन का मामला
रतलाम,08 अप्रैल (इ खबर टुडे)। लोकसभा चुनाव के लिए फिर से प्रत्याशी घोषित किए गए कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया सोमवार को 7 महीने पुराने पुलिस प्रकरण में न्यायालय से सात हजार रुपए की जमानत एवं व्यक्तिगत मुचलके पर छूट गए। यह प्रकरण ओद्योगिक क्षेत्र थाने पर रतलाम मेडिकल कॉलेज के उद्घाटन की राजनीति के चलते दर्ज हुआ था। सांसद भूरिया सहित 14 नामजद लोगों व अन्य के खिलाफ पुलिस ने धारा 188 एवं 448 के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
सोमवार को सांसद कांतिलाल भूरिया प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अतुल यादव के न्यायालय में पेश हुए। उनकी ओर से अभिभाषक प्रकाश मजावदिया ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। इस प्रकरण में न्यायालय के समक्ष 29 जनवरी को चालान पेश कर दिया गया था। इसमें पुलिस ने आरोपियों द्वारा धारा 188 एवं 448 का अपराध किया जाना बताया था लेकिन न्यायालय ने चालान प्रस्तुति के दिन ही सांसद सहित सभी आरोपियों के विरुद्ध धारा 188 के तहत संज्ञान लेना विधि सम्मत नहीं माना था।
न्यायालय ने धारा 448 के तहत अपराध का संज्ञान लेने का आधार मानते हुए प्रकरण को पंजीबद्ध करने के आदेश दिए थे। इसके बाद न्यायालय में सभी नामजद आरोपियों में से केवल सांसद भूरिया सोमवार को पहुंचे और जमानत करवाई। न्यायालीन कार्रवाई के बाद भूरिया न्यायालय से रवाना हो गए। उनके अभिभाषक श्री मजावदिया ने बताया कि सांसद भूरिया पर धारा 448 के तहत गृहअतिचार अर्थात बिना अनुमति के प्रवेश का अपराध भी नहीं बनता है। वे सांसद हैं और इस नाते कहीं भी जा सकते है।
लोकसेवक ने प्रस्तुत नहीं किया धारा 188 का परिवाद
न्यायालय ने कांग्रेस सांसद सहित समस्त आरोपियों के खिलाफ धारा 188 के तहत संज्ञान लेना इसलिए विधि सम्मत नहीं माना कि इस धारा का परिवाद लोकसेवक या प्रशासनिक रूप से वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया था। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 195 के तहत धारा 188 के अपराध का परिवाद लोकसेवक अथवा उसके प्रशासनिक रूप से वरिष्ठ अधिकारी द्वारा ही प्रस्तुत किया जाना चाहिए। सांसद भूरिया सहित सभी आरोपियों के विरुद्ध पुलिस ने अनुसंधान कर न्यायलय में 188 के तहत चालान प्रस्तुत किया था। इसे न्यायालय ने विभिन्न न्याय दृष्टांतों के आधार पर विधि सम्मत नहीं माना।
यह था मामला
सांसद भूरिया सहित सभी आरोपी 11 सितंबर 2018 को दोपहर में 15-20 वाहनों से बंजली स्थित रतलाम मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे और कॉलेज में प्रवेश कर उसके उद्घाटन की कथित औपचारिकता कर डाली थी। उस समय शहर में धारा 144 लगी हुई थी। तहसील कार्यालय के भृत्य पूरणदास ने रतलाम ग्रामीण के अनुविभागीय अधिकारी शिराली जैन का पत्र आईए थाने पर प्रस्तुत किया था। इसमें सांसद द्वारा कॉलेज में अनाधिकृत रूप से बिना पूर्व सूचना व अनुमति के प्रवेश करने को धारा 188 का अपराध बताया था।