November 25, 2024

सम्यक ग्रुप की धोखाधडी की शिकायत पुलिस को

जाली दस्तावेज तैयार करने और छल कपट करने का आरोप
रतलाम,८ जून (इ खबरटुडे)। पांच सितारा सुविधाओं का झांसा देकर निवेशकों से धन उगाहने के प्रयासों में जुटे सम्यक रिसोर्सेस प्रा.लि. की धोखाधडी का मामला अब पुलिस तक जा पंहुचा है। सम्यक की धोखाधडी के शिकार उपभोक्ता ने मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक और स्टेशन रोड पुलिस को की है। कंपनी ने उक्त उपभोक्ता से फ्लैट की बुकींग के लिए दो लाख रुपए तो ले लिए थे,लेकिन बुकींग की ही नहीं।
उल्लेखनीय है कि पांच सितारा सुविधाओं वाली रिहाईशी सुविधाएं देने की घोषणाएं करने वाले सम्यक रिसोर्सेज प्रा.लि.द्वारा हाल  ही में सम्यक लैण्डमार्क नामक कालोनी की लांचिंग की गई है। इससे पहले सम्यक ग्रुप द्वारा रतलाम में सम्यक रैसीडैंसी नामक बहुमंजिला आवासीय प्रोजेक्ट लांच किया गया था। सारी शासकीय अनुमतियां प्राप्त करके पांच सितारा सुविधाएं देने का दावा करने वाले इस ग्रुप की हकीकत तब सामने आई जब न्यूरोड निवासी नरेन्द्र मेघानी ने उनके साथ की गई धोखाधडी उजागर की।
सम्यक ग्रुप के प्रचार से प्रभावित होकर नरेन्द्र मेघानी ने सम्यक रैसीडेन्सी में दो फ्लैट बुक कराए थे। बुकींग के लिए श्री मेघानी ने कंपनी को दो लाख रुपए के चैक भी दिए थे,जिसे कंपनी ने कैश भी करवा लिया था।  दो लाख रुपए जमा करने के समय कंपनी ने सम्यक रैसीडेन्सी का एक नक्शा श्री मेघानी को दिया था और इसी नक्शे के मुताबिक मेघानी ने सी ४३ और सी ४४ नम्बर के फ्लैट बुक कराए थे। दो लाख रुपए कंपनी को भुगतान करने के बाद जब श्री मेघानी ने कंपनी से फ्लैट के सम्बन्ध में अनुबन्ध करने और राशि की रसीदें देने को कहा तो कंपनी के लोग आनाकानी करने लगे। श्री मेघानी को न तो रसीद दी गई और न ही किसी प्रकार का कोई अनुबन्ध ही किया गया। जब श्री मेघानी ने काफी दबाव बनाया तो कई महीनों बाद उन्हे रसीदें दी गई,लेकिन यहां भी कंपनी ने धोखाधडी की। श्री मेघानी को दी गई रसीदों में से एक रसीद किसी श्रीमती विलेहा मेघानी के नाम पर बनाई गई जबकि इस नाम की किसी महिला का अस्तित्व ही नही है। इतना ही नहीं रसीदों में कांट छांट कर फ्लैट नम्बर भी बदल दिए गए। जब इस बात की शिकायत लेकर श्री मेघानी सम्यक के कार्यालय में पंहुचे तब उन्हे पता चला कि जिस नक्शे के आधार पर उन्होने फ्लैट बुक कराए थे,वह नक्शा ही बदल दिया गया है।  रसीदों पर फ्लैट न.१४७ और १४८ डाले गए है,जबकि कंपनी द्वारा दिखाए गए पहले वाले नक्शे में १४७ और १४८ नम्बर के फ्लैट ही नहीं थे।
श्री मेघानी उस वक्त हैरान रह गए जब उन्हे सम्यक रिसोर्सेस के पत्र मिले। दिनांक ११ नवंबरर २०११ को उन्हे कंपनी द्वारा भेजे हुए दो पत्र मिले,जिनमें फ्लैट की किश्त की राशि १ लाख ४६ हजार ८६४ रु.बकाया होने की सूचना दी गई थी। यह पत्र कंपनी के महाप्रबन्धक(प्रशासन) डा.प्रकाश जैन के हस्ताक्षरों से भेजा गया था। इन पत्रों में से भी एक पत्र श्रीमती विलेहा मेघानी के नाम पर भेजा गया था,जबकि इस नाम का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इन पत्रों को देखने के बाद जब श्री मेघानी और श्रीमती मेघानी ने कंपनी के संचालकों से इस बारे में पूछताछ की तो उन्हे बताया गया कि उन्होने किश्ते बकाया कर दी है इसलिए उनकी बुकींग रद्द कर दी गई है। मेघानी दम्पत्ति आश्चर्यचकित रह गए।
पुलिस को की शिकायत
बडे बडे दावे करने वाले सम्यक रिसोर्सेज प्रा.लि.द्वारा की गई इस धोखाधडी की शिकायत श्री मेघानी ने पुलिस अधीक्षक डा.रमनसिंह सिकरवार और पुलिस थाना स्टेशनरोड पर की है। पुलिस को की गई शिकायत में श्री मेघानी ने कहा है कि सम्यक ग्रुप ने धनराशि लेकर समय पर रसीद नहीं दी,रसीद में नाम बदल दिए,फ्लैट के वर्गफीट में परिवर्तन कर दिया,फ्लैट के क्रमांक एवं स्थल में परिवर्तन कर दिया,रसीदों में काट छांट कर हेराफेरी की,ये सभी कृत्य छल कपट,धोखाधडी व दस्तावेजों में कूटरचना के साथ राशि हडपने का आपराधिक कृत्य है। श्री मेघानी ने पुलिस से मांग की है कि सम्यक रिसोर्सेज के संचालकों के विरुध्द भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के अनुसार छल कपट,धोखाधडी,कूच रचित दस्तावेज तैयार करने आदि की धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबध्द किया जाए,जिससे कि उक्त कंपनी भविष्य में उपभोक्ताओं के साथ धोखाधडी न कर पाए। श्री मेघानी ने पूरे मामले में कंपनी के विरुध्द उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई कर रहे है। उन्होने कंपनी को कानूनी नोटिस भी भिजवाया है।

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