सम्यक की धोखाधडी उजागर,रकम लेकर भी नहीं की बुकींग
रतलाम,८ जून (इ खबरटुडे)। पांच सितारा सुविधाओं का झांसा देकर निवेशकों से धन उगाहने के प्रयासों में जुटे सम्यक रिसोर्सेस प्रा.लि.पर अब सीधे सीधे धोखाधडी के आरोप लगने लगे है। धोखाधडी के ये आरोप सम्यक के पिछले प्रोजेक्ट्स को लेकर लगे है। कंपनी ने एक उपभोक्ता से फ्लैट की बुकींग के लिए दो लाख रुपए तो ले लिए,लेकिन बुकींग की ही नहीं। अब उपभोक्ता मामले को पुलिस और उपभोक्ता फोरम तक ले जाने की तैयारी में है।उल्लेखनीय है कि सम्यक लैण्डमार्क की लांचिंग के मौके पर कंपनी के डायरेक्टर संदीप बडजात्या और सुशान्त न्याति ने पत्रकारों के सामने यह दावा किया था कि सम्यक लैण्डमार्क कालोनी के लिए सभी जरुरी अनुमतियां प्राप्त की जा चुकी है और इसके बाद ही लांचिंग की जा रही है। लेकिन वास्तविकता को इ खबरटुडे ने उजागर किया कि अब तक भूमि का न तो डायवर्शन हुआ है और ना ही अन्य आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हुई है। ऐसी स्थिति में भूखण्डों या मकानों की बुकींग करना पूरी तरह गैर कानूनी है।
इ खबर टुडे द्वारा इन तथ्यों को उद्घाटित किए जाने के बाद अब सम्यक समूह के कारनामें तेजी से सामने आने लगे है। सम्यक लैण्डमार्क से पहले इस ग्रुप ने सम्यक रैसीडेन्सी नामक प्रोजेक्ट लांच किया था। इस प्रोजेक्ट की अनियमितताएं अब सामने आने लगी है। कंपनी ने एक उपभोक्ता से दो फ्लैट की बुकींग के लिए दो लाख रुपए ले लिए लेकिन अब हालत यह है कि उक्त उपभोक्ता को कहा जा रहा है कि उसकी कोई बुकींग ही नहीं है। उपभोक्ता के साथ सीधी सीधी धोखाधडी का यह मामला अब जल्दी ही पुलिस के पास पंहुचने वाला है।
धोखाधडी का नया तरीका
इ खबरटुडे को मिली जानकारी के अनुसार, न्यू रोड निवासी श्रीमती दीपा पति नरेन्द्र मेघानी ने सम्यक रैसीडेन्सी साढे छ: लाख कीमत के सिंगल बेडरुम वाले दो फ्लैट बुक कराए थे। बुकींग के समय श्रीमती मेघानी से कंपनी ने दो लाख रुपए की मांग की थी। श्रीमती मेघानी ने उक्त धनराशि आईडीबीआई बैंक के चैैक के माध्यम से कंपनी को अदा की। उनकी यह बुकींग फ्लैट क्र.४३ और ४४ के लिए थी।
बदल दिए नक्शे
श्रीमती मेघानी ने फ्लैट की बुकींग,कंपनी द्वारा दिखाए गए नक्शों को देखकर कराई थी। उस नक्शे के मुताबिक फ्लैट क्र.४३ और ४४ पूर्व पश्चिम दिशा वाले फ्लैट थे और इनके तीनों ओर खुली जमीन थीष नक्शे के मुताबिक ये फ्लैट गार्डन और स्विमिंग पुल के सामने दर्शाए गए थे। लेकिन अब नक्शा बदल गया है। अब कंपनी द्वारा दिखाए गए नक्शे में फ्लैट ४३ और ४४ की दिशा बदलकर उत्तर-दक्षिण हो गई है। इसी तरह तीन ओर से खुले की बजाय अब ये चारो ओर से घिरे हुए है।
रसीद देने में आनाकानी
इतना ही नहीं जब श्रीमती मेघानी सम्यक रैसीडेन्सी में बुकींग करवा रही थी,उन्होने कंपनी से दो लाख रुपए की रसीद देने की मांग की थी। उन्होने मार्च २०११ में दो लाख रुपए का भुगतान किया था। जब रसीदें मांगी,तो कंपनी के कर्मचारी रसीद देने में आनाकानी करते रहे। आखिरकार श्रीमती मेघानी और उनके पति नरेन्द्र मेघानी ने कंपनी के डायरेक्टर संदीप बडजात्या पर काफी दबाव डाला तो करीब तीन चार माह बाद उन्हे एक एक लाख रु.की दो रसीदें दी गई। इन रसीदों पर तारीख अप्रैल माह की डाली गई थी। रसीदें देने में भी कंपनी ने गडबडी की। कंपनी द्वारा दी गई दो रसीदों में से एक तो श्रीमती दीपा मेघानी के नाम पर बनाई गई है,जबकि दूसरी रसीद किसी विलेहा मेघानी के नाम से बनाई गई है। दोनो ही रसीदों पर चैक क्र.समान है। नाम बदलने के पीछे शायद यही कारण है कि उपभोक्ता को धोखा दिया जा सके। इतना ही नहीं रसीदों पर फ्लैट क्र.अंकित करने में भी काट छांट की गई है और रसीदों पर फ्लैट न.१४७ और १४८ डाले गए है,जबकि कंपनी द्वारा दिखाए गए नक्शे में १४७ और १४८ नम्बर के फ्लैट ही नहीं थे।
बिना एग्रीमेन्ट के लिया भुगतान
जब श्रीमती मेघानी सम्यक रैसीडेन्सी में फ्लैट बुक करवा रही थी,दो लाख रुपए के भुगतान के समय उन्होने कंपनी से एग्रीमेन्ट की मांग की थी। पहले तो कंपनी के संचालक कहते रहे कि वे जल्दी ही एग्रीमेन्ट करवा कर उन्हे दे देंगे ,लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता गया,कंपनी संचालकों की भाषा बदलती गई। अब वे किसी भी तरह का एग्रीमेन्ट करने से साफ इंकार करने लगे। श्रीमती मेघानी ने कई बार कंपनी संचालकों व अन्य कर्मचारियों से एग्रीमेन्ट करने की मांग की लेकिन किसी ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
अब तो बुकींग से ही इंकार
श्रीमती मेघानी उस वक्त हैरान रह गई जब उन्हे सम्यक रिसोर्सेस के पत्र मिले। दिनांक ११ नवंबरर २०११ को उन्हे कंपनी द्वारा भेजे हुए दो पत्र मिले,जिनमें फ्लैट की किश्त की राशि १ लाख ४६ हजार ८६४ रु.बकाया होने की सूचना दी गई थी। यह पत्र कंपनी के महाप्रबन्धक(प्रशासन) डा.प्रकाश जैन के हस्ताक्षरों से भेजा गया था। इन पत्रों में से भी एक पत्र श्रीमती विलेहा मेघानी के नाम पर भेजा गया था,जबकि इस नाम का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इन पत्रों को देखने के बाद जब श्री मेघानी और श्रीमती मेघानी ने कंपनी के संचालकों से इस बारे में पूछताछ की तो उन्हे बताया गया कि उन्होने किश्ते बकाया कर दी है इसलिए उनकी बुकींग रद्द कर दी गई है। मेघानी दम्पत्ति आश्चर्यचकित रह गए। कंपनी ने दो लाख रुपए लेने के बाद रसीद देने में उनका दम निकाल दिया। किसी तरह का कोई एग्रीमेन्ट नहीं किया। उपभोक्ता के फ्लैट की स्थिति बदल दी और आखिरकार किश्त जमा नहीं होने के झूठे आधार पर बुकींग रद्द करने की घोषणा कर दी। इतना ही नहीं बुकींग रद्द करने पर जमा की गई धनराशि लौटाने के मामले में भी कंपनी के जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हुए है।
पुलिस को करेंगे शिकायत
मेघानी दम्पत्ति हैरान है कि कितने अविश्वसनीय लोगों पर उन्होने भरोसा कर लिया। वे खुश है कि उन्होने कंपनी को किया भुगतान चैक द्वारा किया,वरना जिस तरह का रवैया कंपनी द्वारा अपनाया जा रहा है,नगद भुगतान को सिरे से नकार दिया जाना भी कोई बडी बात नहीं होती। मेघानी दम्पत्ति का कहना है कि बडी बडी बातें और उंची सुविधाओं का दावारा करने वाले कंपनी के संचालकों की नीयत ठीक नहीं है। उपभोक्ताओं से राशि वसूलने के लिए उन्होने लगातार उपभोक्ताओं को अंधेरे में रखा और गलत जानकारियां दी। ठीक यही हाल नई कालोनी सम्यक लैण्डमार्क का भी नजर आ रहा है। श्री मेघानी इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस और उपभोक्ता फोरम में करने की तैयारी में है।