समस्त पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र देना सुनिश्चित करें-कलेक्टर
जिला वनाधिकार समिति की बैठक में पूर्व के शेष एवं नवीन दावा प्रकरणों की समीक्षा की गई
रतलाम 08 जनवरी(इ खबरटुडे)।जिले के परम्परागत वन निवासियों को वनाधिकार पत्र देना सुनिश्चित करें।किसी भी स्थिति में पात्र हितग्राही छूटे नहीं।जिन हितग्राहियों के वनाधिकार दावे प्राप्त हुए हैं उनका गंभीरता से पुन: परीक्षण किया जाए। मौका मुआयना करे, कथन ले एवं ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति अपनी समुचित रिपोर्ट दे।
उक्त निर्देश कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने आज वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत जिले में अब तक वितरित एवं वितरण हेतु शेष दावों की समीक्षा के दौरान दिए। बैठक में जिला स्तरीय समिति सदस्य एवं जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा एवं वन मण्डलाधिकारी आर.पी.राय उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि अधिनियम के अनुसार परंपरागत वन निवासियों के लिए व्यक्तिगत के साथ सामुदायिक दावे भी प्रदान किए जाना है इसलिए कोई ऐसा स्थान जैसे गोठान, तालाब, रास्ते, मंदिर जिसका उपयोग समुदाय द्वारा किया जाता है तो उन्हें सामुदायिक अधिकार पत्र देना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास प्रशांत आर्या ने बताया कि जिले में दिसंबर 2015 की स्थिति में पूर्व के शेष 1316तथा विशेष अभियान के तहत प्राप्त 522 कुल 1838 दावों का निराकरण शेष था।इनमें से 1823 दावे विकासखंड स्तर पर पारित किए जा चुके हैं और 15 दावे लंबित हैं।खंड स्तर से प्राप्त दावों का जिला स्तर पर निराकरण करने की कार्यवाही की गई है।
अमान्य दावों का पुन:परीक्षण किया जाए
जिला स्तरीय समिति द्वारा खंड स्तरीय वनाधिकार समिति की अनुशंसा पर कुल 1823 दावों में से 382 प्रकरण मान्य एवं 1441 प्रकरण की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान कलेक्टर बी.चंद्रशेखर ने खंड स्तर पर अमान्य किए गए 1441 दावों के पुन: परीक्षण के निर्देश दिए ।
उन्होंने कहा कि अमान्य किए दावों का दो दिवस में सहायक आयुक्त कार्यालय पर परीक्षण किया जाए। परीक्षण के दौरान यह देखा जाए कि किन दावों को बिना किसी आधार या परीक्षण के अमान्य किया गया है।ऐसे प्रकरणोें को पुन:खंड स्तर पर भेजा जाए तथा मैदानी स्तर पर अमले को भेज कर दावों का परीक्षण किया जाए।
ग्राम स्तरीय वनाधिकार समिति पुन: प्रकरणों की समीक्षा करेगी। अमान्य किये गये प्रकरणों में की पुन: समीक्षा में स्थल का समिति के द्वारा मुआयना किया जायेगा। आसपास के लोगों के बयान दर्ज किये जायेगे एवं सुनिश्चित कराया जायेगा कि कोई भी पात्र व्यक्ति वनाधिकार पट्टे से वंचित न हो। कलेक्टर ने निर्देशित किया हैं कि ऐसे सभी अमान्य किये गये दावा प्रकरणों को एक बार फिर पूर्ण कराकर खण्ड स्तरीय समिति के पास भेजा जाये।