November 23, 2024

सफलता की कहानी :पहले असुरक्षित कच्ची झोपड़ी में रहते थे, अब रामचंद्र को मिला है पक्का मकान

रतलाम,25 अप्रैल(इ खबरटुडे)। रतलाम जिले के वनवासी क्षेत्र खानपुरा के रहने वाले रामचंद्र पिता भीमा अब अपने परिवार के साथ पक्के मकान में निवास कर रहे हैं। जिले के सैलाना विकासखण्ड के सदियों से वन्य क्षेत्र के रहवासी सैकड़ों आदिवासी परिवारों की तरह रामचंद्र भी बचपने से ही अपने पिता के द्वारा जैसे-तैसे निर्मित की गई कच्ची झोपड़ी में बड़ा हो गया।मजदूरी करके जीवन-यापन करने वाले रामचंद्र ने कभी नहीं सोचा था कि उसका भी पक्का मकान होगा। परन्तु प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत रामचंद्र भी अपने अन्य सैकड़ों वनवासी भाइयों की तरह पक्के मकान में रहकर सुरक्षित व आरामदेह जीवन जी रहा है।

 

ग्राम पंचायत चांवड़ाखेड़ी के रामचंद्र को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वर्ष 2016-17 में आवास स्वीकृत किया गया। सितंबर 2017 में उसका आवास निर्माण पूर्ण हो गया। रामचंद्र अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ खुशी-खुशी अपने नए पक्के मकान में निवास करने लगा है। रामचंद्र कहता है कि कच्ची झोपड़ी में सांप-बिच्छु तथा अन्य विषैले जन्तुओं के साथ ही जंगली जानवरों का खतरा हमेशा रहता था। बरसात में आफत हो जाती थी जब झोपड़ी में पानी बुरी तरह से टपकने लगता था। सर्दियों में ठण्ड की मार बच्चे, बड़ो सबको परेशान करती थी। अब प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत उसके परिवार की सारी परेशानियां दूर हो गई है। समस्याओं से मुक्ति मिली है।
रामचंद्र के परिवार को उज्ज्वला गैस योजना से रसोई गैस भी मिल गई है। उसकी पत्नी संगीता को कच्चे चुल्हे में लकड़ियों से निकलने वाले धुएं से मुक्ति मिली है। पूरे परिवार का स्वास्थ्य अब बेहतर हुआ है। रामचंद्र अपने जीवन में आए इस सुखद बदलाव के लिए शासन को धन्यवाद देता है।

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