संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर, एस.पी. प्रत्येक सोमवार को करेंगे कानून व्यवस्था की समीक्षा
रतलाम ,20मार्च (ई खबर टुडे)।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नए कानूनों को लागू करने और अप्रासंगिक कानूनों का परीक्षण कर संशोधन करने अथवा उन्हें समाप्त करने का सुझाव देने के लिए राज्य विधि आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के मुददों पर कैबिनेट उप-समिति गठित की जायेगी।श्री चौहान भोपाल में मध्यप्रदेश पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में कानून व्यवस्था और भविष्य में पुलिस की भूमिका तथा चुनौतियां विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
श्री चौहान ने सुशासन, बेहतर नागरिक सेवाएं और कानून व्यवस्था पर निगरानी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने और संभावित अपराधों की स्थिति का पूर्व आकलन कर आवश्यक तैयारी करने के लिये राज्य, संभाग और जिला स्तर पर प्रत्येक सोमवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के निर्देश दिये।
राज्य स्तर पर गृह मंत्री की अध्यक्षता में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह और संबंधित वरिष्ठ अधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। संभाग स्तर पर संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और जिला स्तर पर कलेक्टर, एस.पी. समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था का बेहतर प्रबंधन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। पुलिस प्रशासन उपलब्ध संसाधनों और मानव संसाधनों का समुचित उपयोग करते हुए उत्कृष्ट परिणाम देने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि हर जिले में बेहतर कानून व्यवस्था के लिये बीट मजबूत करें।
श्री चौहान ने कहा जिन जिलों में विशेष रूप से तैनान पुलिस बल को रिस्क भत्ता मिलता है, वहां जिला पुलिस के जवानों को भी रिस्क भत्ता देने के लिये परीक्षण किया जायेगा। जनजातीय समुदायों के युवाओं को पुलिस में भर्ती होने के लिये प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय लोगों का सामान और सम्मान वापस देने की पहल करते हुए जनजातीय समुदाय के लोगों के विरूद्ध दायर सामान्य प्रकृति के आपराधिक मामले वापस लेने का भी परीक्षण किया जायेगा। जनजातीय समुदाय को पट्टा देने के लिये चलाये जाने वाले अभियान में पुलिस प्रशासन का भी सहयोग लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ऐसे अनाधिकृत लोगों पर निगरानी रखें जो गरीबों को कर्ज देते हैं और कर्ज वापस करने के लिये उन्हें परेशान करते हैं। श्री चौहान ने कहा कि विकास के कामों में पुलिस को भी जिम्मेदारी देने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने पर विचार किया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी का मनोबल बढ़ाने के लिये उन्हें सीमित परीक्षा प्रतियोगिता के माध्यम से पदोन्नति देने पर विचार किया जायेगा। श्री चौहान ने पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को साल में एक बार अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश देते हुये कहा कि इसकी जिम्मेदारी जिला पुलिस अधीक्षकों को दी जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस आवास योजना हर हाल में जारी रहेगी।
हर जिले में सायबर लैब : डिजीटल अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर जिले में सायबर लैब स्थापित की जायेगी। हर जिले में सायबर पुलिस टीम की तैनाती के भी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस के जनहितैषी कामों को समाज के सामने लाने की आवश्यकता है। इसके लिये सोशल मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि भोपाल और इंदौर में सायबर डोम शुरू किया जायेगा जिसमें सायबर विशेषज्ञों की मदद ली जायेगी।
मुख्यमंत्री आंतरिक सुरक्षा केन्द्र : मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान, भोपाल में मुख्यमंत्री आंतरिक सुरक्षा केन्द्र बनाया जायेगा। यह केन्द्र आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों और विभिन्न आयामों का अध्ययन करेगा और सुझाव देगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जन-सुरक्षा कानून के प्रावधानों का अध्ययन किया जायेगा ताकि इसके प्रावधानों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि शहरी जनसंख्या के लगातार बढ़ने और इससे उत्पन्न होने वाली कानून व्यवस्था की चुनौतियों को देखते हुये पुलिसिंग की नई व्यवस्था के बारे में विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।
शुभारंभ सत्र में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महिला अपराधों पर नियंत्रण कायम करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बेटियों के मन में डर नहीं रहे, इसके लिये पूरे प्रदेश में अभियान चलाया जाये। समाज को तोड़ने के प्रयास करने वाली ताकतों के विरूद्ध सकारात्मक लोगों के सहयोग से कार्रवाई करें।
हुक्काबार चलाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करे : मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समाज और देश मजबूत बनें, इसके लिये सबको मिलकर कार्य करना होगा। समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों की दिक्कतों को समझकर उन्हें दूर करने के लिये ठोस रणनीति बनाकर कार्य करें। चिटफंड की ठगी से लोगों को बचाने के लिये जागरूक करें और इनसे जुड़े अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करें। विभाग में विशेष साहसिक कार्य करने वालों को प्रोत्साहित करने की नीति बनायें। नशामुक्ति के लिये सघन प्रयास करें। युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें। हुक्काबार चलाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये।
कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों के विभिन्न समूहों द्वारा नक्सलवाद नियंत्रण, सामाजिक समरसता और अलगाव, नशामुक्ति, आंतरिक सुरक्षा, पुलिस क्षमता, अपराध नियंत्रण, महिला अपराध, सायबर सुरक्षा, दस्यु उन्मूलन विषयों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। विभिन्न समूहों ने अपनी अनुशंसाएं प्रस्तुत कीं। कार्यशाला में जानकारी दी गई कि गत वर्ष पुलिस बल में 12 हजार भर्ती हुई हैं । इस वर्ष 14 हजार बल की भर्ती हो रही है। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के तहत 38 हजार आवास बन रहे हैं।
कार्यशाला में गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह के.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अशोक बर्णवाल, विवेक अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।