संभागायुक्त ने मंगलनाथ झोन का टेस्ट लिया,पहली नजर में ही शौचालय पर उठे सवाल
फाइल दबाकर टेण्डर हुए, अब तक अन्य अधिकारियों को ड्राइंग डिजाइन की जानकारी नहीं, एक सहायक यंत्री ने ही कर दिया काम, अन्य एई बोला- सब सेन्ट्रलाइज चल रहा है
उज्जैन,20 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। पतीली में पक रही दाल का एक दाना बता देता है पतीली के हाल। मंगलनाथ झोन के टेस्ट में यही सब सामने आया है। संभागायुक्त के एक सवाल पर पूरा स्वेटर उधड़ता गया। सुलभ इंटरनेशनल के बनाये जा रहे शौचालय का पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। मामले में नगर निगम आयुक्त को सवालों के सम्मुख नीचा देखना पड़ा है। संभागायुक्त रवीन्द्र पस्तौर ने एक घंटे स्टेण्ड-अप मीटिंग ली और इसके बाद सिरे से उन्होंने डेढ़ घंटे से अधिक निरीक्षण किया।
सिंहस्थ-2016 के लिये नगर निगम 35 करोड़ की लागत से शौचालय बनवा रहा है। इसके लिये सुलभ इंटरनेशनल और सेंटेक्स दो कंपनियों को ठेके दिये गये हैं। ठेके की यह कार्रवाई एक सहायक यंत्री ने संपादित करवा दी। यहां तक कि पूरी कार्रवाई भी इस तरह से अंजाम दी गई कि संबंधित झोन के उपयंत्री और अन्य अधिकारियों को कोई जानकारी नहीं। सोमवार को निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त ने शौचालय पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया। इस प्रश्न के साथ ही धीरे-धीरे कर एक-एक बात खुलती गई। मंगलनाथ झोन के सहायक यंत्री चंद्रकांत शुक्ला को सामने बुलाया गया। सवाल हुए, जो जवाब सामने आये उससे पूरे मामले का खुलासा हो गया। वह तो अच्छा हुआ कि मामला अभी खुल गया। अगर इसी हाल में शौचालय निर्माण हो जाते तो सिंहस्थ के दौरान उज्जैन वाले कहीं मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहते।
ड्राईंग डिजाइन कहां है? सब सेन्ट्रलाइज चल रहा है
संभागायुक्त ने मकोडिय़ाआम के नजदीक सुलभ इंटरनेशनल द्वारा बनाये जा रहे शौचालय की स्थिति को देखा। यहां उन्होंने एक ईंट यानी कि चार इंच की दीवार का सेप्टिक टेंक वह भी गड्ढे की खुदाई से 8-10 इंच अंदर के निर्माण को देखकर सवाल किया। यह दीवार टिक पायेगी। निगम के ही यंत्रियों ने ही जवाब दिया नहीं। काली मिट्टी में पानी का सीपेज होते ही मिट्टी धंसेगी। संभागायुक्त ने सहायक यंत्री से कहा, ड्राईंग डिजाइन कहां है? उन्हें जवाब मिला, सब सेन्ट्रलाइज चल रहा है, न ड्राईंग दी गई, न डिजाइन, न ही डीपीआर बताई गई और न ही ले-आउट, झोन के पास कुछ नहीं है। हमें तो सिर्फ बताया गया था इस तरह से शौचालय बनेंगे। बाले-बाले एक डिजाइन बनाकर वह भी दबाते हुए सब किया गया।
सुलभ की ओर से ही दिखाया
इस पूरे प्रकरण की खास बात यह रही कि शौचालय के निर्माण दिखाने के लिये सुलभ इंटरनेशनल का प्रतिनिधि ही संभागायुक्त को लेकर पहुंचा था और वहीं से निर्माण को लेकर सिरे से एक-एक कर प्रश्न खड़े हुए।
शाम को लगी क्लास
शौचालय की स्थिति सामने आने के बाद संभागायुक्त ने नगर निगम के एक अधिकारी से कहा कि आप क्या देख रहे हैं? इसके बाद संभागायुक्त ने नगर निगम के यंत्रियों और अधिकारियों की शाम को क्लास लगा डाली। नमूने के शौचालयों में ही स्थिति खुल जाने पर कुछ अधिकारियों ने राहत की सांस ली। अधिकारियों में चर्चा थी कि पूरे मामले में एक सहायक यंत्री के कारण सभी को जाँच का सामना करना पड़ सकता है। यह तो ठीक है, अगर यह स्थिति सिंहस्थ में सामने होती तो क्या होता?
शौचालय मजबूत बनाने के निर्देश
इंदिरानगर के निकट मेला क्षेत्र में सुलभ इंटरनेशनल के सामूहिक शौचालय निरीक्षण के उपरांत संभागायुक्त ने सीवरेज टेंक मजबूत बनाने के निर्देश दिये, जिससे कि ये टेंक धंसे नहीं। संभागायुक्त ने सीवरेज टेंक की डिजाइन में बदलाव करते हुए संपूर्ण कार्ययोजना मेला कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा है। इसके साथ ही सीवर लाइन पानी की लाइन के नीचे डालने के निर्देश भी दिये गये हैं। संभागायुक्त को निरीक्षण के दौरान पंचमुखी आश्रम के प्रमुख ने बताया कि वर्तमान में जहां शौचालय बनाया जा रहा है वह नीचा है इससे पानी भराव की स्थिति बनी रहेगी। शौचालयों का निर्माण ऊंचे स्थान पर किया जाये।
बच्चा ब्रिगेड रोकेगी खुले में शौच
संभागायुक्त ने बताया कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र में लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिये बच्चों की विशेष ब्रिगेड बनाई जा रही है। ये बच्चे मेला क्षेत्र में जहां भी लोग खुले में शौच करते हुए दिखेंगे उन्हें टोकेगी और बतायेगी कि शौचालय कहां पर हैं? उन्हें नीयत स्थान पर भी पहुंचाया जायेगा।
पार्किंग स्थल आरक्षित करें
एसपी एम.एस. वर्मा ने इस दौरान बताया कि खाकचौक से मंगलनाथ के बीच फिलहाल वाहनों की पार्किंग के लिये स्थान चिन्हित एवं आरक्षित नहीं किये गये हैं। सांदीपनि आश्रम एवं मंगलनाथ के सामने विशेष रुप से पार्किंग बनाया जाना चाहिये। आईजी व्ही. मधुकुमार ने निर्देश दिये कि रोड पर की जाने वाली बेरिकेटिंग करते समय ध्यान रखा जाये कि रोड को नुकसान न हो। झोन एवं सेक्टरों में लगने वाले पुलिस अधिकारी इस बात की पूरी जानकारी ले लें कि क्षेत्र में ट्रेफिक कहां से आयेगा, कहां मूव करेगा, कहां जायेगा? सामान्य एवं शाही स्नान के दिनों में पार्किंग की क्या व्यवस्था रहेगी? एसपी श्री वर्मा ने बताया कि मेला क्षेत्र में करीब 30 कि.मी. की बेरिकेटिंग की जायेगी। मुख्य मार्गों पर बीआरटीएस जैसी पद्धति अपनायेंगे। बीच में वाहन चलेंगे, दोनों ओर बेरिकेटिंग में लोग पैदल जायेंगे। कलेक्टर कियावत ने बताया कि मेला क्षेत्र में 51 अस्थाई थाने तथा 22 सेक्टर बनाये जा रहे हैं। यथासंभव प्रत्येक सेक्टर के पास एक थाना हो।
ये अधिकारी थे साथ
सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष दिवाकर नातू, आईजी व्ही. मधुकुमार, डीआईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, मेला अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त अविनाश लवानिया सहित झोन से संबंधित समस्त अधिकारी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बगले देखी
संभागायुक्त ने झोन-2 मंगलनाथ कार्यालय में विभाग के अधिकारियों को बुलाकर उनसे जानकारी प्राप्त की गई। झोन का नक्शा टेबल पर रखकर संभागायुक्त ने पूछा, बताइये नक्शे पर आपका कार्यालय कहां है? तो एक भी अधिकारी जवाब नहीं दे पाया। इस दौरान कलेक्टर ने निर्देश दिये कि सिंहस्थ के दौरान घाटों पर पानी के अंदर भी कचरा और अन्य सफाई की व्यवस्था की जाये। यहां बताया गया कि घाट सफाई का काम सिंचाई विभाग करेगा। पानी के अंदर की सफाई नगर निगम करायेगा।
बिजली-पानी कनेक्शन की व्यवस्था बताई
संभागायुक्त ने निरीक्षण में अधिकारियों से पूछा कि भूखण्ड आवंटन के पश्चात पानी, बिजली के कनेक्शन कैसे देंगे? इस पर उन्हें मेला अधिकारी ने बताया कि भूमि आवंटन के साथ ही संबंधित विभाग को ई-मेल से संदेश जायेगा। इसके आधार पर संबंधित व्यक्ति से संबंधित विभाग आवेदन प्राप्त कर कार्रवाई करेगा। संबंधित विभाग के सेक्टर एवं झोनल अधिकारी संबंधित भूखण्ड पर जायेंगे, फार्म भरवाएंगे, आवश्यक राशि जमा करवाकर उक्त सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे। संभागायुक्त ने निर्देश दिये कि मेला क्षेत्र में सभी सुविधाओं के लिये प्रत्येक झोन एवं सेक्टर में सिंगल विंडो बनाकर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाये। यह भी निर्देश दिये गये कि मेला कार्यालय अखाड़ों को भूखण्ड आवंटन प्रारंभ कर दे। पारंपरिक प्रकरणों में तुरंत भूखण्ड आवंटित करें। नये एवं विवादित प्रकरणों में विचारोपरांत निर्णय लिया जाये।
30 नवंबर तक आवेदन आमंत्रित
सिंहस्थ-2016 के लिये अखाड़ों, साधु-संतों एवं सामाजिक संस्थाओं से आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। आवेदन सिंहस्थ मेला कार्यालय में 30 नवंबर तक जमा किये जा सकेंगे। अब तक चार अखाड़ों में जिनमें आवाहन, अग्नि, उदासीन तथा जूना अखाड़ा शामिल हैं ने भूमि आवंटन आवेदन किया गया है। आवंटन के लिये सिंहस्थ प्राधिकरण अध्यक्ष दिवाकर नातू की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।
आवंटन नीति बनी
सिंहस्थ-2016 के लिये अधिग्रहित क्षेत्र में सभी अखाड़े, साधु-संत, सामाजिक संस्थाओं, नि:शुल्क अन्न क्षेत्र तथा अन्य नि:शुल्क सेवाओं के लिये नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराई जायेगी। 2004 सिंहस्थ के अनुसार ही भूखण्ड नि:शुल्क आवंटन किकया जायेगा। इसे लेकर भूखण्ड आवंटन नीति स्पष्ट कर दी गई है, इसके साथ ही भूखण्ड आवंटन की शर्तें भी स्पष्ट की गई हैं।