शराब की तस्करी करते पकडाया रतलाम का पुलिसकर्मी
उज्जैन से निकलवा रहा था डेढ करोड की अवैध शराब,ट्रक और वैगन आर के साथ गिरफ्तार
उज्जैन,9 सितम्बर (इ खबरटुडे)। पुलिस की वर्दी के रौब से शराब तस्करी कराने वाला रतलाम का एक प्रधान आरक्षक आज पुलिस के हत्थे चढ गया। प्रधान आरक्षक अपनी वैगन आर के साथ अवैध शराब के ट्रक की पाइलेटिंग कर रहा था और ट्रक को उज्जैन की सीमा से पार करवा रहा था।
अल सुबह पौ फटने से पहले तीन से चार बजे के बीच पुलिस ने सूचना मिलने पर करीब 10 किमी तक पीछा करने के बाद एक हरियाणा पासिंग ट्रक को पकड़ा है। जिसके साथ एक वेगनआर कार और एक अन्य चौपहिया वाहन भी था। वेगनअरा को पुलिस ने जब्त कर लिया है जबकि एक अन्य चौपहिया वाहन पुलिस के हाथ नहीं लगा है। ट्रक में करीब डेढ़ करोड़ की विदेश शराब भरी हुई थी जो गुजरात पहुंचने पर तीन करोड़ की हो जाती। पुलिस ने इस मामले में एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया है। पुलिसकर्मी की हरकते पूर्व में भी तस्करी में शामिल पाई गई है।
पुलिस कप्तान अनुराग कुमार ने बताया कि हरियाणा से गुजरात के बीच शराब की तस्करी होने की सूचना रात 12 बजे के लगभग प्राप्त हुई थी जिसमें यह जानकारी आई थी कि इंदौर रोड़ से एक ट्रक गुजरने वाला है। सूचना के आधार पर एडिशनल एसपी गौरव तिवारी और माधवनगर सीएसपी विजय डाबर की एक टीम बनाकर ट्रक को पकड़ने का अभियान शुरू किया गया है। रात तीन बजे जानकारी सही साबित होती दिखाई दी तो ट्रक का पीछा शुरू कर दिया गया। ट्रक क्रमांक एचआर 67 ए 3754 को करीब 10 किमी तक पीछा करने के बाद पंथ पीपलई के समीप रोक लिया गया। इस ट्रक के साथ एक वेगनआर कार भी बरामद की गई है। वेगनआर पुलिसकर्मी की है। जिसका नाम राजेन्द्र राठौर सामने आया है। राजेंद्र पूर्व में देवास के बीएनपी थाने में पदस्थ था। जिसका स्थानांतरण दो माह पूर्व रतलाम हुआ था। वह अभी डीआरपी लाईन में था। राजेंद्र ट्रक को अपनी बिना नंबर की वेगनआर से फालो करते हुए शराब के ट्रक को टोल नाकों और चैकिंग पार्इंटों से बाहर निकालने का काम करता था। पूर्व में भी वह देवास-शाजापुर के बीच इसी तरह के शराब तस्करी में शामिल हुआ था। उसकी कुछ शिकायतें भी सामने आई है। पुलिस ने मामले में ट्रक के चालक अंग्रेज सिंह पिता गोपालसिंह निवासी जम्मू, क्लिनर सुखविंदर सिह पिता श्रवणसिंह निवासी अमृतसर को भी गिरफ्तार किया है। पुलिसकर्मी राजेंद्र के साथ वेगनआर में उसका साडूभाई एकांश और बाबूलाल को भी हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसके चलते वहां शराब की तस्करी का काम चलता है। नीलगंगा थाना क्षेत्र के पंथपीपलई से पकड़ाई डेढ़ करोड़ की शराब गुजरात पहुंचने पर तीन करोड़ की हो जाती। फिलहाल पुलिस ने पकड़ाए सभी आरोपियों के खिलाफ अपराध कायम कर विवेचना शुरू कर दी है। पुलिस आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड भी मांगेगी जिसके बाद शराब तस्करी के और भी कुछ बड़े खुलासे होने के संभावना बनी हुई है।
केडबरी और बोनवीटा की बिल्टी मिली
शराब तस्करी का यह कारोबार बोनवीटा और केडबरी की बिल्टी के आधार पर किया जा रहा था। ट्रकों में केडबरी व बोनवीटा के नाम पर करीब 800 पेटियां शराब की भरी हुई थी। लेकिन पुलिस ने सूचना के बाद पूरे मामले का भांडाफोड़ करते हुए करोड़ों की शराब बदामद कर ली।
गुडगांव से चला था ट्रक
यह भी बताया जा रहा है कि शराब की तस्करी गुडगांव से की जा रही थी। ट्रक गुडगांव से होता हुआ कोटा झालावाड़, आगर, उौन, झाबुआ होता हुआ गुजरात पहुंचता था। ट्रक के आगे चलने वाली वेगनआर में सवार पुलिसकर्मी को इस बात की भी सूचना होती थी कि किस जिले में अलर्ट जारी है और चैकिंग चल रही है इसी आधार पर वह शराब तस्करी का मार्ग भी बदल लेते थे। यही वजह रही है कि पकड़ाई शराब इंदौर रोड़ होती हुई गुजर रही थी। जिसे बरामद कर लिया गया।
विदेशी शराब में महंगी बोतलें
डेढ़ करोड़ की पकड़ाई विदेशी शराब में मोगल मोनार्च, ग्रीन लेबल, डीएसपी, ग्रेवी स्पेशल ब्रेग पाईपर, रायल स्ट्रांग के साथ हेवर फाईव थाउजन की पेटियां ट्रक में भरी हुई थी। जिनकी कीमत बाजार में महंगी बताई जा रही है। विदेश शराब की 800 पेटियों को नानाखेड़ा स्थित पुलिस चौकी पर उतारा गया है।