शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में राजनाथ का चीन की आक्रामकता पर निशाना, आतंकवाद समर्थक देशों को भी लिया आड़े हाथ
मास्को,04 सितम्बर (इ खबरटुडे)। मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने अपने संबोधन में बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद की सभी रूपों और इसके समर्थकों की निंदा करता है। इस बैठक में भारत और रूस के अलावा चीन के रक्षा मंत्री भी भाग ले रहे हैं। भारत और चीन के बीच लद्दाख में ताजा झड़प की खबरों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की इस अहम बैठक में शामिल होना बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने चीन का नाम लिए बिना क्षेत्र में उसकी आक्रामक कार्रवाई पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित एससीओ क्षेत्र के लिए जरूरी है कि सदस्यों के बीच एकदूसरे के प्रति विश्वास हो…. साथ ही संवेदनशीलता और गैर-आक्रामकता का परिचय दिया जाए।
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा का मसला बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। भारत अरब की खाड़ी (Persian Gulf) में मौजूदा हालात को लेकर भी बहुत चिंतित है। हम आपसी सम्मान और संप्रभुता के आधार पर बातचीत के जरिए मतभेदों को सुलझाने के लिए खाड़ी क्षेत्र के देशों का आह्वान करते हैं। बैठक में राजनाथ सिंह ने युद्ध की विभीषिका को लेकर भी सचेत किया। उन्होंने कहा कि द्वीतिय विश्व एक देश की सेनाओं द्वारा दूसरे देश पर हमले और भयावह विनाश की याद दिलाता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी स्ट्रक्चर के कार्यों को महत्व दिया है। चरमपंथी प्रोपेगेंडा का मुकाबला करने के लिए शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation, SCO) की ओर से आतंकवाद विरोधी तंत्र को अपनाया जाना एक महत्वपूर्ण फैसला है। भारत आतंकवाद के सभी स्वरूपों और इसे बढ़ावा देने वाले देशों की कड़ी निंदा करता है। हमें पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों तरह के खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता (सुरक्षा) को बढ़ाने की जरूरत है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की इस बैठक से इतर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज शाम को अपने चीनी समकक्ष वेई फेंघे से भी बातचीत कर सकते हैं। यदि यह बातचीत होती है तो मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बैठक होगी। बीते दिनों भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवाद को लेकर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से टेलीफोन पर बातचीत की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक के लिए चीनी रक्षा मंत्री की ओर से अनुरोध किया गया है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है। पांच दिन पहले पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे की असफल कोशिश की थी जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच तनाव बढ़ गया था। मौजूदा वक्त में दोनों ही पक्ष कूटनीतिक और सैन्य बातचीच के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले इलाकों पर मुस्तैद है।