November 15, 2024

वैचारिक स्वतंत्रता और भाईचारे की जरूरत – बी.चन्द्रशेखर

रतलाम 9 अगस्त(इ खबरटुडे)। अन्तर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर अम्बेडकर मांगलिक परिसर रतलाम में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर ने कहा कि समाज के विकास के लिये वैचारिक स्वतंत्रता एवं भाईचारे की जरूरत है। उन्होनें कार्यक्रम में मौजूद युवाओं से अपेक्षा की कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर पहले खुद का भविष्य बनाये और फिर समाज के विकास में अपना योगदान दे।
बी.चन्द्रशेखर ने कहा कि आगे बढ़ने का एक मात्र विकल्प शिक्षा ही हैं। जब आप शिक्षित बनेगें तभी समाज में हो रहे उतार-चढ़ाव और अन्य बातों को भलीभांति समझ सकेगें। शिक्षा प्राप्ति से आपकी वैचारिक स्वतंत्रता और मुखर होगी एवं प्रखरतापूर्वक समाज के विकास के लिये सभी को संगठित करना सहज और सरल होगा। जब सभी संगठित होगें तभी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग हो सकेगा जो समाज के उत्थान के लिये और बेहतर भविष्य के लिये कारगर साबित होगी। शिक्षा , संगठन और ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग ही आदिवासियों को समाज में अपनी सशक्त और सुदृढ़ उपस्थिति साबित करने के सशक्त साधन बनेगें।
श्री चन्द्रशेखर ने समाज में एकता लाने के लिये समानता की आवश्यकता जताई। उन्होनें कहा कि समानता के भाव तभी आयेगें जब ऊच-नीच की भावना समाप्त होगी। आज हर जगह, हर भारतीय समाज विभिन्न जातियों में बटा हुआ है। जातियों में बटा होने के कारण स्वत: एक दुसरे के प्रति असामनता एवं ऊच-नीच का भाव जागृत होता है। उन्होने कहा कि समानता के लिये जाति असमानता की व्यवस्था को तोड़ने की जरूरत है। सभी को समान मानने की भावना को न सिर्फ जागृत करने बल्कि उसका अनुपालन करने की भी आवश्यकता है। विकास के लिये आवश्यक हैं, विकास के लिये जरूरी हैं कि अवसरों को तलाशें, उनको उपयोग करें और एक होकर सभी एक साथ आगे बड़े और समाज को बढ़ाये।
कार्यक्रम में डॉ. अभय ओहरी, डॉ. विक्रांत भुरिया, ध्रुवलाल निनामा, भरत निनामा, राजेन्द्र बारिया, महिलाएॅ एवं युवा शक्ति मौजूद थी।

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