विक्रम विवि में स्थिति बिगड़ी, हजारों छात्र परेशान
ऑनलाईन में भी नहीं हो पा रहा काम
उज्जैन 28 सितम्बर । विक्रम विश्वविद्यालय में धारा 52 हटने के बाद स्थिति विकट होती जा रही है। हालत यह है कि पूर्व में घोषित परीक्षा परिणामों में डब्ल्यूएच होने के बाद विक्रम परिक्षेत्र के हजारों परीक्षार्थी विश्वविद्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। यह स्थिति पिछले 3 दिनों से बनी हुई है। शुक्रवार को हालत यह थी कि परीक्षा विभाग में छात्रों की भीड़ के कारण पैर रखने की भी जगह नहीं थी। विक्रम विवि के प्रशासनिक हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। हालांकि विवि में छात्रहित में 27 सितंबर से अंतिम तिथि बढाकर 1 अक्टूबर कर दी गई है। इसके बावजूद छात्रों की समस्याएँ हल नहीं हुईं।
विक्रम विवि में पूर्व में घोषित परीक्षा परिणामों को लेकर परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में समस्या बढ़ गई है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण यह समस्या इतनी विकट हो गई कि शुक्रवार को विश्वविद्यालय में परीक्षा और गोपनीय विभाग में छात्र-छात्राओं की अपार भीड़ थी। वहीं अधिकारी अपने चेम्बर में चैनल गेट लगवाकर आराम से बैठे हुए थे। परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं होने के कारण भीड़ बढ़ रही है। शुक्रवार को प्रथम, तृतीय एवं पंचम सेमिस्टर के परीक्षा आवेदन भरने की अंतिम तिथि थी, इसको लेकर ऐसे परीक्षार्थी जिनके परिणाम घोषित नहीं हुए, वे विवि के गलियारों में भटकते रहे। भीड़ बढ़ती देख अधिकारियों ने भी अपने चेम्बर के गेट लगवाकर विद्यार्थियों के बचने की तरकीब निकाल ली थी। विद्यार्थियों की भीड़ देर शाम तक लगी रही। हालांकि विक्रम विवि के परीक्षा विभाग ने बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए बिना विलंब 27 सितंबर के स्थान पर अब 1 अक्टूबर तक बिना विलंब शुक्ल परीक्षा आवेदन लेने की तिथि ताबड़तोड़ घोषित कर दी।
ऑनलाईन के चैनल पर लगे ताले
विक्रम विवि में विद्यार्थियों की समस्याओं को हल करने के लिए ऑनलाईन सेल का विभाग बनाया गया है जहाँ से विद्यार्थियों की समस्याओं का निदान होता है। कुछ दिन पूर्व ही कम्प्यूटर सेल प्रभारी के निर्वाचन डयूटी में जाने के कारण यह विभाग पूरी तरह बैठ गया है। हालांकि शुक्रवार को समस्या के लिए पहुँचे विद्यार्थियों को चैनल गेट पर ताला लगाकर रवाना कर दिया। वहीं प्रायवेट कॉलेज के संचालकों को चैनल गेट के अंदर लेकर उनके काम प्राथमिकता से पूर्ण किए गए। चैनल गेट के बाहर विद्यार्थियों की भीड़ शाम 6 बजे तक जुटी रही लेकिन ऑनलाईन विभाग के कर्मचारियों ने इससे कोई वास्ता नहीं रखा। बताया जाता है कि प्रभारी के नहीं होने के कारण ऑनलाईन में अब प्रायवेट कॉलेज की समस्याएँ सबसे पहले हल की जाती हैं। बाहर से आने वाले विद्यार्थियों का आवेदन लेकर उन्हें टाल दिया जाता है। इस संबंध में विवि के वरिष्ठ अधिकारियों तक शिकायत पहुँचने के बाद भी वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
कहीं यह सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं
म.प्र. शासन ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में सेमिस्टर प्रणाली लागू कर ऑनलाईन व्यवस्था के माध्यम से परीक्षार्थियों के समस्त फार्म जमा करने की व्यवस्था शुरु की है। विक्रम विश्वविद्यालय में पिछले 8 दिनों से हजारों छात्र आनलाईन व्यवस्था के साथ ही घोषित हुए उनके परीक्षा परिणाम को लेकर परेशान हैं। खास बात यह है कि छात्रों का समाधान वरिष्ठ अधिकारी भी नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में अब यह लगने लगा है कि शासन की व्यवस्थाओं को बदनाम करने के लिए ही छात्रों को परेशान किया जा रहा है जिसके कारण आगामी विधानसभा चुनाव में इसका फर्क सामने आ सके। हालांकि इस मामले को लेकर कोई भी अधिकारी इस बात से सहमत नहीं है लेकिन एक ही विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों का परेशान होना और उनकी समस्याओं को अनसुना करना सरकार की योजनाओं से दूर करने का प्रयास साबित हो रहा है।