लखनऊ हिसा में पीएफआई की साजिश आई सामने, दो लोग गिरफ्तार
लखनऊ ,24 दिसंबर(इ खबरटुडे)। लखनऊ में हुई हिसा को साजिश के तहत अंजाम दिया गया था। अब साजिशकर्ताओं के नाम सामने आने लगे हैं। स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और रिहाई मंच के बाद अब पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की भूमिका का खुलासा हुआ है।एसएसपी कलानिधि नैथानी के अनुसार, 20 दिसंबर को पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में उसने अपने दो साथियों नदीम और अशफाक के नाम बताए । इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक नदीम पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है और गौराहार मजरा बरौली थाना कुर्सी, बाराबंकी का रहने वाला है। अशफाक इस संगठन का डिवीजन प्रेसीडेंट है और इब्राहिमपुर रामनगर बाराबंकी का निवासी है। दोनों आरोपितों ने कई वाट्सएप ग्रुप बना रखे थे। चैट के जरिए इन्होंने लोगों को 19 दिसंबर को परिवर्तन चौक पहुंचने की बात कही थी। दोनों के घर से पुलिस ने सीएए और एनआरसी का विरोध किए जाने से संबंधित 26 तख्ती, 29 झंडे, 100 पर्चे, 36 पेपर कटिंग, भड़काऊ साहित्य, पोस्टर और सीडी बरामद की है।
हिसा करने के लिए दोनों उपद्रवियों ने लोगों को जनसंपर्क कर भड़काया था। इन दोनों ने लोगों से परिवर्तन चौक पहुंचने के लिए कहा था। पूछताछ में वसीम ने बताया था कि पीएफआई के अलावा सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की एडहॉक समिति के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर पूरी साजिश रची गई थी। लोगों को एकत्र करने में शिया पीजी कॉलेज के प्रोफेसर रॉबिन वर्मा ने अहम रोल निभाया था। रॉबिन रिहाई मंच से जुड़ा हुआ है,उसने बाहरी लोगों को ठहराने का इंतजाम किया था। रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने रॉबिन को गिरफ्तार किया था, जो परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन के वक्त मौजूद था।
एसएसपी के मुताबिक सीएए और एनआरसी के विरोध में शामली में उग्र प्रदर्शन करने वाले पीएफआई के डॉ. नावेद और 11 अन्य को गिरफ्तार किया गया था। पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष वसीम राजधानी में ए ब्लॉक विकास भवन मोड़ के पास का रहने वाला है।