November 15, 2024

लक्ष्य आधारित विकास पर काम कर रहा है योजना आयोग

योजना आयोग उपाध्यक्ष चैतन्य काश्यप ने प्रेस वार्ता में कहा

रतलाम, 15 नवम्बर(इ खबरटुडे)। योजना आयोग अब नई नीति , नई योजनाओं ओर नए दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है, जिसमें लक्ष्य आधारित विकास महत्वपूर्ण है। जिला स्तर पर भी योजना बनाने के लिए इन बातों को ध्यान में रखा जा रहा है।  रतलाम और इसके आसपास के जिलों में संतरे और फूल के उत्पादन को देखते हुए इसके लिए प्लान तैयार करने के लिए कहा गया है।
यह बात शहर विधायक एवं राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप ने मंगलवार को स्थानीय सर्कीट हाउस पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। मंगलवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में श्री काश्यप ने वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 की तीन जिलों की त्रि-वर्षीय कार्य योजना पर रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों के अधिकारियों से चर्चा कर समीक्षा की। भोजनावकाश में उन्होने सर्कीट हाउस पहुंचकर पत्रकारों से चर्चा की। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद देश में नितीगत परिवर्तन हुए है। योजना आयोग की जगह नीति आयोग बना दिया गया है। पंचवर्षीय योजनाओं की जगह अब देश में अगले 15 वर्ष को ध्यान में रखकर दृष्टिपत्र बनाया जा रहा है। राज्य योजना आयोग भी नीति आयोग के तर्ज पर ही काम कर रहा है। राज्य  एवं जिला स्तर पर भी दृष्टिपत्र बनाए जा रहे है। इसमें जिले के लिए 7 वर्ष का रणनीति प्लान और तीन वर्ष का एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। एक्शन प्लान बजट पर आधारित रहेगा। दृष्टिपत्र कैसे बनेगा इसके लिए मंगलवार को कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप  ने बताया कि अगले छह माह में जिले का मास्टर प्लान बनाया जाएगा।

संतरे और फूल की खेती के लिए बनेगा प्लान

योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि रतलाम, मंदसौर और नीमच जिले की बैठक में तीनों जिलों की विकास योजनाओं को लेकर चर्चा हुई। रतलाम, मंदसौर, नीमच एवं आसपास के जिलों के कुछ हिस्सों में संतरे की खेती अच्छी होती है। अभी यहां के किसानों से बाहर के व्यापारी सस्ते भारव में संतरे खरीदते है। अब इन जिलों में संतरे की खेती को बढावा देने और व्यापार को विकसीत करने के लिए प्लान बनाने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए कंसलटेंट की सेवाएं भी ली जाएगी, वहीं रतलाम कई कुछ क्षेत्रों में फूलों की खेती काफी मात्रा में होती है, यहां कोल्ड स्टोर के लिए प्लान बनाने के लिए कहा गया है, ताकि फूलों की खेती को बढावा दिया जा सकें।

सभी जिलों में कसंलटेंट नियुक्त होगें

श्री काश्यप ने कहा कि योजना आयोग द्वारा सभी जिलों में विकास योजनाओं के लिए कंसलटेटं नियुक्त किए जा रहे है जो अनुभवी होगें और योजनाओं के साथ ही प्रोजक्ट बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगें, वहीं सभी कलेक्टरों को भी उनके जिले में विकास आधारित योजनाओं और प्रयोगिक कार्यो के लिए एक-एक करोड़ की राशी दी गई है।

नए तरह से बनेगा प्लान

योजना आयोग उपाध्यक्ष ने कहा कि विकास योजनाओ के लिए बनने वाला दृष्टिपत्र सिर्फ शहर आधारित नहीं होगा। हमरा प्रयास है कि गांव से भी दृष्टिपत्र बनकर आए जिसमें गांव में लघु उद्योग, कुटीर उद्योग, खेती, सिंचाई योजनाओं के बारे में प्लानिंग हो। वर्ष 2017-18 के लिए बजट बनाया जाना है, इसलिए हम हर विभाग की समीक्षा कर रहे है और यह पता लगा रहे कि किस विभाग की क्या आवश्यकता है।

गरीबी मुक्त प्रदेश के लिए प्रयास

श्री काश्यप ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री  शिवराजसिंह चौहान के  नेतृत्व में प्रदेश में सबसे ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है और उसी का परिणाम है कि प्रदेश बिमारु राज्यों की श्रेणी से निकलकर विकसीत राज्यों की दौड़ में आ गया है। इसके लिए लक्ष्य आधारित विकास महत्पवूर्ण है। हमारा प्रयास 2023 तक  गरीबी मुक्त मध्य प्रदेश बनाना है।

हर गांव में दस परिवार होगें चिन्हीत

श्री काश्यप ने कहा कि शासन की योजनाओं के मुल्याकंन के लिए कलेक्टरों को निर्देश दिए गए है कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से हर गावं में दस सबसे ज्यादा गरिब परिवारों को चिन्हीत किया जाए और उन्हे शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। इन परिवारों की सतत मानीटरिंग भी की जाए और उनके जीवन में आए परिवर्तनों का आकंलन किया जाए। पत्रकारों से चर्चा के अवसर पर योजना आयोग के प्रमुख सलाहकार एवं योजना, आर्थिक एंव विकास विभाग के आयुक्त राजेन्द्र मिश्रा, कलेक्टर बी.चंद्रशेकर, एसपी अविनाश शर्मा भी मौजुद थे।

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