राष्ट्र की सेवा के लिए बनी है राष्ट्र सेविका समिति
रासेस के छ: दिवसीय शिविर के उद्घाटन सत्र में सुश्री सोनटक्के ने कहा
रतलाम,1 मई(इ खबरटुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ.हेडगेवार की प्रेरणा से परम वन्दनीया लक्ष्मीबाई केलकर ने राष्ट्र की सेवा में नारी शक्ति का उपयोग करने के लिए राष्ट्र सेविका समिति की स्थापना की थी। अपनी स्थापना के बाद से समिति की सेविकाएं राष्ट्र सेवा में जुटी है।
उक्त उद्गार राष्ट्र सेविका समिति की प्रांतीय बौध्दिक प्रमुख सुश्री प्रतिमा सोनटक्के ने काटजू नगर स्थित सरस्वती शिशु मन्दिर पर आयोजित छ: दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। सुश्री सोनटक्के ने बताया कि रासे समिति की स्थापना वन्दनीया लक्ष्मीताई ने 1936 में विजयादशमी के शुभ दिन वर्धा में की थी। समिति की स्थापना संघ संस्थापक प.पू.डॉ.हेडगेवार की प्रेरणा से हुई थी,इसलिए रा.स्व.संघ और रासे समिति दोनो के संक्षेपाक्षर आरएसएस ही है,साथ ही स्थापना दिवस भी एक ही है। आज समिति देश की बालिकाओं और युवतियों को स्वसंरक्षणक्षम बनाने के महत कार्य में जुटी है। समिति की सेविकाएं देश सेवा में लगी रहती है।
प्रारंभ में समिति संस्थापिका लक्ष्मीताई के चित्र पर माल्यार्पण व दीपप्रज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर समिति की प्रान्त सह बौध्दिक प्रमुख सुश्री भारती कुशवाह इन्दौर भी उपस्थित थी। सम्बोधन से पहले अतिथि परिचय सौ.वैदेही कोठारी ने दिया,जबकि व्यक्तिगत गीत रानू डामोर ने और अमृत वचन नम्रता गांधी ने प्रस्तुत किया।
समिति के शिविर में रतलाम व उज्जैन जिले के विभिन्न स्थानों की बालिकाएं बडी संख्या में भाग ले रही है। बालिकाओं को बौध्दिक प्रशिक्षण के साथ ही शारिरीक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।