राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर डाटाबेस को अद्यतन कर आधार नम्बर से जोड़ा जायेगा
16 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक घर-घर जाकर डाटाबेस अपडेट किया जायेगा
उज्जैन 28 अक्टूबर (इ खबरटुडे) ।राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार कर डाटाबेस को आधार/राशन कार्ड संख्या से जोड़ने और उसे अद्यतन करने का कार्य 16 नवम्बर से 15 दिसम्बर तक एक साथ शासकीय सेवकों के द्वारा सम्पादित किया जायेगा। इस कार्य की एक दिवसीय कार्यशाला आज 28 अक्टूबर को बृहस्पति भवन में आयोजित की गई। जनगणना कार्य निदेशालय मध्य प्रदेश भोपाल के रिसर्च आफिसर डॉ.आर.के.गुप्ता ने कार्यशाला में पॉवर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से डाटा अपडेट करने की छोटी से लेकर बड़ी बातों को उपस्थित अधिकारियों को समझाया। प्रत्येक ब्लॉक की डाटा गणना की बुकलेट बनाई जायेगी।
डाटाबेस के आधार पर ही भारत सरकार द्वारा वित्तीय आवंटन जारी किया जायेगा। डाटाबेस में कोई भी संशोधन शासकीय सेवक द्वारा किया जाये तो उसको डाटा प्रपत्र में लाल पेन से ही कार्य किया जाये। जिला रजिस्ट्रार द्वारा नामित शासकीय सेवकों के द्वारा घर-घर जाकर गणना के माध्यम से डाटाबेस तैयार किया जायेगा।
कार्यशाला में जिले के समस्त तहसीलदार, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिक निगम उज्जैन के अधिकारी आदि उपस्थित थे। कार्यशाला में भारत के महारजिस्ट्रार, नागरिक रजिस्ट्रीकरण कार्यालय के अधिकारी ए.के.पाण्डेय, डॉ.मनोज जैन, उप जिला निर्वाचन अधिकारी उज्जैन रजनीश श्रीवास्तव, नगर निगम उपायुक्त भी उपस्थित थे।
कार्यशाला में भोपाल से आये रिसर्च आफिसर डॉ.गुप्ता ने अवगत कराया
कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को भारत के नागरिकता अधिनियम-1955 और नागरिकता नियमावली-2003 के प्रावधानों के तहत घर-घर जाकर प्रगणकों द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या परिवार अनुसूची को भरने का फील्ड कार्य 22 मई से 7 जून 2010 को किया गया था। इसी कड़ी में भारत सरकार के निर्देशानुसार अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) डाटाबेस को अद्यतन करने तथा प्रत्येक निवासी के एनपीआर डाटाबेस में आधार संख्या/राशन कार्ड संख्या/समग्र आईडी नम्बर शामिल करने का निर्णय लिया गया है। यह कार्य जिले के कलेक्टर एवं जिला रजिस्ट्रार द्वारा नामित शासकीय सेवकों के द्वारा घर-घर जाकर गणना के माध्यम से किया जायेगा।
नामित शासकीय सेवकों के द्वारा
जिले के सामान्य निवासियों से सम्बन्धित 15 प्रकार के जन-सांख्यिकीय आंकड़े एकत्रित पूर्व में किये गये थे, जिसका इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भाषा में भारत सरकार के महारजिस्ट्रार के कार्यालय द्वारा तैयार किया जा चुका है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के डाटाबेस को अद्यतन करने के कार्य की अधिसूचना मध्य प्रदेश के राजपत्र में प्रकाशित की जा चुकी है।
प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारियों को इस कार्य के लिये अपने विकास खण्डों में पदाधिकारियों की नियुक्ति शीघ्र कर उन्हें प्रशिक्षित कर नियत तिथि में यह कार्य कराये जाने के निर्देश दिये हैं। प्रगणकों की नियुक्ति सम्बन्धी दिशा-निर्देश में जानकारी देते हुए अवगत कराया कि जनगणना 2011 के दौरान बनाये गये गणना ब्लॉकों को यथावत् रखा जाये। प्रति प्रगणक कम से कम चार गणना ब्लॉक आवंटित किये जायें। प्रगणकों के मध्य गणना ब्लॉक का आवंटन करते समय यह ध्यान रखा जाये कि उन्हें आवंटित गणना ब्लॉकों की औसत जनसंख्या 2500 से 3000 के मध्य रखी जाये। इसके लिये प्रत्येक प्रगणक को चार अथवा इससे अधिक गणना ब्लॉकों का आवंटन किया जा सकता है। प्रति प्रगणक चार गणना ब्लॉक एवं 2500 से 3000 की जनसंख्या हेतु छह हजार रूपये की राशि मानदेय के रूप में प्रदान की जायेगी।