May 10, 2024

राग रतलामी- तमाम खामियों और तालमेल की कमी के साथ चल रही है कोरोना से जंग,फिर भी जीत रहे हैैं कोरोना योद्धा

-तुषार कोठारी

रतलाम। यूं तो शहर में कोरोना से निपटने के नाम पर बडे बडे दावे किए जा रहे हैैं। ये भी अच्छी किस्मत है कि कोरोना की चपेट में आए लोग जल्दी जल्दी ठीक होकर घरों को जा रहे हैैं। रविवार को ही ग्यारह लोग ठीक होकर घरों को लौट गए। लेकिन सच्चाई सिर्फ इतनी नहीं है। सच्चाई ये है कि कोरोना से निपटने के मामलें में अलग अलग महकमों में तालमेल पूरी तरह नदारद है। जितनी सतर्कता और सावधानी होना चाहिए वैसी कहीं नहीं है। सारा इंतजाम भगवान भरोसे चल रहा है और भगवान की कृपा है कि लोग ठीक भी हो रहे हैैं।

कोरोना का हमला हुआ तो जिले के इंतजामियां ने बडे बडे इंतजाम करने के दावे किए थे। लाक डाउन के दौरान तो कोरोना के मामले भी उंगलियों पर गिने जाने लायक ही थे। इसलिए अफसरान डींगे भी हांक रहे थे। लेकिन जैसे ही अनलाक का दौर आया,सारे इंतजाम हवा में उड गए और हर दिन नए नए मामले सामने आने लगे। इंतजामों की पोल खुलने लगी।
याद करें,जैसे ही कोरोना का कहर शुरु हुआ,पूरे शहर को सैनेटाइज करने के दावे भी शुरु हो गए थे। शहर सरकार रोजाना खबरें जारी कर शहर के बाशिन्दों को बताने लगी कि तमाम इलाकों को सैनेटाइज किया जा रहा है। लेकिन कोरोना कहीं नहीं गया। शहर सैनेटाइज भी होता रहा और कोरोना शहर के एक इलाके से दूसरे इलाके की सैर करता रहा।
कहा तो ये जा रहा था कि जहां भी कोरोना का मरीज मिलेगा,वहां शहर सरकार के फाइटर जमकर सेनेटाइजर उडाएंगे। लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली। जिस मोहल्ले में कोरोना के मरीज पाए गए वहां दिखावे के लिए दवाई उडाइ तो गई,लेकिन मोहल्लों का बडा सारा हिस्सा छोड दिया गया। अभी तो ये आलम है कि कोरोना मरीज की जानकारी मिलने के बाद दो-दो दिनों तक वहां छिडकाव करने वाली गाडी ही नहीं पंहुच रही है। सतर्कता तो इतनी बरती जानी थी कि पाजिटिव की जानकारी मिलते ही उस पूरे इलाके को फौरन सैनेटाइज करना चाहिए था,लेकिन शहर सरकार के बडे दरबार को इससे कोई फर्क नहीं पडता। मोहल्ला छिडकाव वाली गाडी की राह ताकता रहता है और गाडी दो-तीन दिन बाद वहां पंहुचती है। इतने समय में तो कोरोना का वायरस कई लोगों को चपेट में ले सकता है।
जिले की बडी मैडम जी कोरोना से निपटने में पूरी ताकत लगा तो रही है,लेकिन महकमों में तालमेल की कमी से सारा खेल बिगड जाता है।
शहर में बनाए गए क्वारन्टीन सेन्टरों को लेकर शिकायतों का सिलसिला चल ही रहा है। मेडीकल कालेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज भी घटिया भोजन देने और ठीक से देखभाल नहीं करने की शिकायतें कर रहे है। क्वारन्टीन सेन्टरों और आइसोलेशन वार्ड भर्ती लोगों से उनके परिजन तक सम्पर्क नहीं कर पा रहे हैैं।
आम जनता तक कोरोना की जानकारी पंहुचाने की जिम्मेदारी भी इंतजामियां की है। लेकिन ये व्यवस्था भी गडबडाई हुई है। मेडीकल बुलेटिन जारी करने की व्यवस्था शुरु तो हुई,लेकिन समय का कोई हिसाब नहीं रखा गया। कोरोना संक्रमित मरीज मिलने की जानकारी सामने आने के बाद पहले तो काफी देर तक उसे रोका जाता है और कई बार तो आधी रात के बाद ये जानकारी प्रसारित की जाती है।
देश और प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की जानकारियां जनता के साथ साझा की जा रही है,लेकिन रतलाम की गाइड लाइन अलग है। यहां ना तो मरीजों की जानकारी दी जा रही है,ना ही ये बताया जा रहा है कि वे कोरोना की चपेट में कैसे आए? ये जानकारियां साझा करने से जनसामान्य को जागरुक करना आसान हो सकता था। लेकिन प्रोटोकाल के नाम पर इन जानकारियों को छुपाया जाता रहा और कई लोग तो झाड फूंक करवा कर कोरोना से बचने के चक्कर में कोरोना की चपेट में आ गए। जिला इंतजामियां ने कोरोना की खबरों को छुपाने को ही सतर्कता समझ लिया है। नतीजा उटपटांग अफवाहों के रुप में सामने आता है। स्थिति इतनी विचित्र है कि शनिवार को शहर के दो इलाकों को कन्टेनमेन्ट घोषित कर सील कर दिया गया,लेकिन सरकार ने ये नहीं बताया कि ऐसा क्यों किया गया? खबरचियों ने खबरें तो ढूंढ निकाली,लेकिन सरकारी खबर जारी नहीं हुई। कुल मिलाकर तमाम खामियों के साथ जैसे तैसे कोरोना से जंग जारी है। गनीमत यही है कि कोरोना से चल रही इस जंग में अब तक अधिकांश योद्धा विजयी होकर घरों को लौट चुके है। अब भी जो कोरोना से जंग लड रहे है,उनके भी जीतने की पूरी उम्मीद है।

सड़के बन्द विकास चालू

विकास के लिए तकलीफें झेलने के रुप में किमत चुकाना ही पडती है। पहले लम्बे समय तक सीवरेज प्रोजेक्ट के कारण सडकों पर खुदाई और सडकें बन्द हुई थी। लाक डाउन हटने के बाद अब कई सारे नए काम शुरु हो गए है और इसका नतीजा सडकें बन्द होने के रुप में सामने आया है। उधर सुभाष नगर रेलवे ओव्हरब्रिज काम शुरु हुआ तो फाटक वाला रास्ता बन्द हो गया। अब हजारों लोगों को लम्बे समय तक काफी लम्बी दूरी तय करना होगी। इधर पावर हाउस रोड के चौडकरण काम शुरु हुआ,तो पूरी सड़क खुद गई। अब इस सड़क को भी बन्द कर दिया गया है। इसकी वजह से भी हजारों लोगों को लम्बे समय तक दिक्कतों का सामना करना पडेगा।

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