November 15, 2024

रतलाम में 25 सितंबर को अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन आयोजित

रतलाम,23 सितम्बर(इ खबरटुडे)। अलग-अलग पंचागों के कारण आजकल तीज-त्यौहारों को लेकर भ्रम वाली स्थिति निर्मित होती है। एक पंडित एक पंचाग अनुसार विवाह का मुहुर्त निकाल देते हैं, तो दूसरा पंडित उसी तारीख के लिए मना करते हैं। ऐसी स्थितियों को समाप्त और ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी कई सारगर्भित बातों पर चर्चा करने के लिए रतलाम में 25 सितंबर को अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन आयोजित होगा। इस सम्मेलन में देशभर से करीब 180 ज्योतिष और विद्वानों का विशेष सम्मेलन होगा।

इसमें ज्योतिष, अंक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, आयुर्वेद, हस्तरेखा विज्ञान आदि विषयों पर चर्चा और व्याख्यान होंगे। सत्र के अंत में शाम 5.30 बजे से 6.30 बजे तक आम जनता देश भर से आए विद्वानों से निशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकेगी। यह बातें ज्योतिष शिक्षण जन कल्याण समिति बिलपांक के सचिव संजय दवे, उपाध्यक्ष जितेंद्र नागर और कोषाध्यक्ष जीवन पाठक ने बताई। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा पहली बार रतलाम में अखिल भारतीय स्तर पर ज्योतिष सम्मेलन आयोजित करवाया जा रहा है।
मालवा ज्योतिष परिषद की होगी स्थापना
श्री दवे ने बताया कि आयोजन में मुख्य रूप से पंचाग निर्माता ज्योतिषियों को आमंत्रित किया गया है। आयोजन में ज्योतिषि की एक मंच पर बैठकर तिथियों में होने वाले हेर-फेर को दो अलग अलग दिन त्यौहार आने वाली स्थिति में एकमत होकर निर्णय लें सकें इसके लिए पहला की जाएगी। जनता में ज्योतिष और विशेषकर काल गणना को लेकर उत्पन्न हो रहे भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए भी प्रयास होंगे। इसके लिए मालवा ज्योतिष परिषद का गठन भी किया जाए, ताकी भ्रम की स्थिति होने पर परिषद सर्वमान्य निर्णय पारित कर सकें।

समयानुसार परिवर्तन जरूरी
श्री नागर और श्री पाठक ने बताया कि समय के साथ ज्योतिष विज्ञान के साथ वास्तु, अंक ज्योतिष आदि विधाओं में भी सामनजस्य बनाना अनिवार्य हो गया है। साथ ही ज्योतिष में हो रहे नए शोध या बदलते दौर की समस्याओं का निराकरण की जानकारी के लिए भी व्याख्यान में चर्चा होगी। इन विषयों पर विद्वानों द्वारा चर्चा कर निर्णय पारित करने की कोशिश की जाएगी। सत्र के अंत में जनता विद्वानों ने सीधे सवाल-जवाब और अपनी समस्याओं पर सुझाव प्राप्त कर सकती है। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा।

ख्यात ज्योतिष और अन्य विद्वान होंगे शामिल
आयोजकों ने बताया कि सम्मेलन की प्रेरणा बिलपांक के ख्यात ज्योतिष पीठाधीश्वर बजरंगगिरी महाराज ने दी है। इसमें विशेषरूप से भादवामाता पंचाग निर्माता भागीरथ जोशी, हरियाणा के देवीदयाल शर्मा, जोधपुर के खेमराज जोशी, दिल्ली के ललित पंत, जोधपुर के शंकरसिंह, उदयपुर के नरसिंह, भोपाल हेमचंद्र पाण्डेय, हैदराबाद महावीरप्रसाद जोशी, जयपुर के प्रवेश व्यास, इंदौर के पीएन मालवीय, थांदला के द्वारका प्रसाद शर्मा आदि व्याख्यान आदि देंगे।

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