रतलाम पंहुचने पर कोठारी का भव्य स्वागत
विशाल वाहन रैली के साथ पंहुचे घर को
रतलाम,19 जुलाई (इ खबरटुडे)। म.प्र.वित्त आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद रतलाम पंहुचने पर हिम्मत कोठारी का भव्य स्वागत किया गया। महूरोड फौव्वारा चौक पर मौजूद हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनकी अगवानी की और एक विशाल वाहन रैली निकाली गई जो शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी।
शुक्रवार को वित्त आयोग के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद हिम्मत कोठारी आज शाम करीब छ: बजे सड़क मार्ग से रतलाम पंहुचे थे। भोपाल से रतलाम के रास्ते में कई स्थानों पर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। श्री कोठारी के रतलाम पंहुचने से काफी पहले से फौव्वारा चौक पर सैंकडों कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए मौजूद थे। चौराहे पर शाम से ही ढोल ढमाकों के साथ आतशिबाजी की जा रही थी।
श्री कोठारी का काफिला शाम करीब छ: बजे चौराहे पर पंहुचा। उनके आते ही भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर दौड गई। हार फूल और रंगगुलाल से श्री कोठारी का स्वागत किया गया। चौराहे पर बनाए गए स्वागत मंच पर श्री कोठारी को पगडी बान्धी गई। श्री कोठारी का स्वागत करने के लिए मौजूद सैकडों कार्यकर्ता यहां से वाहन रैली की शक्ल में निकले। यह वाहन रैली शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी। शहर में अनेक स्थानों पर श्री कोठारी के स्वागत के लिए स्वागत मंच बनाए गए थे। जब यह रैली इन स्वागत मंचों के सामने से गुजरी रैली पर पुष्पवर्षा की गई।
पदाधिकारी नदारद
जैसा कि अनुमान था,श्री कोठारी के रतलाम पंहुचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं की तो भारी भीड मौजूद थी,लेकिन जिलाध्यक्ष,महामंत्री,महापौर जैसे पदाधिकारी नदारद थे। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान श्री कोठारी का साथ छोडकर नगर विधायक चैतन्य काश्यप के खेमे में शामिल हुए अधिकांश पदाधिकारी इस मौके पर गायब ही रहे। नगर निगम के कई पार्षद जो पहले कोठारी समर्थक माने जाते थे,वे भी यहां नजर नहीं आए। पार्षद भगतसिंह भदौरिया,सीमा टांक जैसे पूर्व कोठारी समर्थक श्री कोठारी के नगर प्रवेश के मौके पर मौजूद नहीं थे।
छिडेगा घमासान
करीब छ:साल के राजनीतिक वनवास के बाद केबिनेट मंत्री दर्जा लेकर राजनीति की मुख्य धारा में लौटे हिम्मत कोठारी का कद अब फिर से बढ गया है। विधानसभा चुनाव के बाद नगर विधायक बने उद्योगपति चैतन्य काश्यप ने भी विगत दिनों में श्री कोठारी को हाशिये पर धकेलने में कोई कसर नहीं छोडी। उन्होने संगठन के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारियों को अपने प्रभाव में ले लिया था और हालत यह हो गई थी कि पार्टी,कार्यालय की बजाय नगर विधायक के घर से चलने लगी थी। इन दिनों में पार्टी की बैठकों व अन्य कार्यक्रमों में भी श्री कोठारी की जानबूझकर उपेक्षा की जाती रही थी। लेकिन अब श्री कोठारी के पूरी ताकत से मुख्यधारा में लौटने के बाद पार्टी में घमासान छिडना तय है। कोठारी समर्थकों ने पिछले छ: सात महीनों में अपमान के कई घूंट पिए हैं और उनकी तमन्ना है कि वे इनका हिसाब बराबर करें। निकट भविष्य में होने वाले नगर निगम चुनाव में भाजपा का भीतरी घमासान अपने चरम पर पंहुचेगा और भाजपा यह घमासान देखना बेहद रोचक रहेगा।