December 24, 2024

रक्ताल्पता दूर करने के प्रयास

आयरन सुक्रोस का इंजेक्शन कारगर साबित हुआ
रतलाम , 21 मार्च (इ खबर टुडे ) शरीर में खून कमी से अनेको गर्भवती माताए असमय दम तोड़ देती है. हमारे देश में यही रक्ताल्पता मातृ मृत्यु दर का सबसे बड़ा कारण है . दूरस्थ ग्रामीण अंचल में रक्त की उपलब्धता तथा टेस्ट की सुविधाए भी नगण्य है, ऐसे में आयरन सुक्रोज का इंट्रावीनस ट्रांसफ्यूज़न एक नईउम्मीद लेकर आया है जिसे इन्ही परिस्थियों के मद्देनज़र बनाया गया है. जिसके प्रति पर्याप्त जागरूकता की आवश्यकता है.

श्री सेवा संस्थान की अध्यक्ष डॉ लीला जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि आदिवासी क्षेत्रो में मातृत्व स्वास्थ के प्रति प्रायः गंभीरता नहीं है जिससे कई गर्भवती माताए खून कि कमी से पीड़ित रहती है और अकाल मृत्यु का ग्रास बन जाती है. रक्त का उपलब्ध न होना और चढ़ाया जाना भी यहाँ कई तरह से असुविधाजनक रहता है ऐसे में नार्मल सलाइन बाटल के 100 ml डोज़ में आयरन का यह इंजेक्शन एक सस्ता, बेहतरीन एवं सुरक्षित उपाय बनकर उभरा है
श्री सेवा संस्थान के प्रयासों से जिले में भी उक्त आसान एवं सस्ती सुविधा गर्भवती माताओं को प्रदान कि जाने लगी है. खून की बाटल के स्थान पर आयरन का उपाय कई समस्याओं का हल हल बनकर उभरा है. इस इंजेक्शन ने ब्लड ग्रुप मेचिंग और रक्त की उपलब्धता के मसले को भी दरकिनार कर दिया है जिससे रक्त की कमी को शीघ्रता से पूरा किया जाने में मदद हासिल हुई है उपरोक्त सुविधा निशुल्क प्रदान कराए जाने के कारगर प्रयास भी लगातार जारी है.
आदिवासी क्षेत्र के शिवगढ़ व् सैलाना स्वस्थ केन्द्रों पर उक्त सुविधा को प्रारंभ कर दिया गया है. इसके सकारात्मक परिणाम आने लगे है

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