November 24, 2024

ये हो सकता है सपा-कांग्रेस के गठबंधन का फॉर्मूला!

उत्तर प्रदेश,11जनवरी(इ खबरटुडे)। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सपा-कांग्रेस और रालोद के बीच गठबंधन की बातचीत अंतिम दौर में आ चुकी है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही गठबंधन पर अंतिम मुहर लग सकती है. सूत्रों के मुताबिक सत्ता में वापसी की खातिर पुरजोर कोशिश में लगे अखिलेश यादव गठबंधन की खातिर राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में से करीब 170 सीटें छोड़ सकते हैं. शुरुआत में कांग्रेस ने 140 और आरएलडी ने 50 सीटों की मांग रखी थी. लेकिन पर्दे के पीछे चल रही बातचीत के अनुसार दोनों पार्टियां कुछ सीटें कम करने को तैयार हुई हैं.सपा द्वारा छोड़ी गई सीटों पर उनके सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे. आपको बता दें कि सपा पिछले दिनों गठबंधन की खातिर कांग्रेस, आरएलडी के अलावा जेडी(यू) और पीस पार्टी से भी बातचीत कर रही है. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कांग्रेस कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

जल्द राहुल सौपेंगे अपनी लिस्ट
माना जा रहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही अपने उम्मीदवारों की लिस्ट अखिलेश यादव को सौंप सकते हैं. 2017 का विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस एक साथ मिलकर लड़ना चाहती है. सीटों के बंटवारे के लिए दोनों दल अपनी लिस्ट तैयार कर रहे हैं. लिस्ट में दोनों दलों के जो भी कमजोर प्रत्याशी होंगे उन्हें पीछे ले लिया जाएगा ताकि जीत सुनिश्चित हो सके.

टल गई राहुल-अखिलेश की मुलाकात
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच होने वाली मुलाकात फिलहाल टल गई है, उत्तर प्रदेश के चुनाव के लिहाज से रणनीतिक खाता खींचा जा चुका है. लेकिन कांग्रेस ने अखिलेश को दो टूक कह दिया है कि पहले आप समाजवादी पार्टी के भीतर फैसला कीजिए फिर हम आपके साथ हैं, सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को संदेश दिया है कि समाजवादी पार्टी के भीतर का फैसला चुनाव आयोग 13 तारीख को करेगा, इसलिए उस फैसले के बाद ही हम मिलकर फैसला करें, आगे बढ़े बेहतर रहेगा. इसीलिए 10 जनवरी को राहुल और अखिलेश के बीच होने वाली मुलाकात फिलहाल आगे बढ़ गई है.

सपा में चल रहा है सत्ता संघर्ष
पिछले दिनों से समाजवादी पार्टी अपने अंदर की लड़ाई से ही जूझ रही है. फिलहाल पार्टी पर अपना हक जमाने के लिए मुलायम और अखिलेश आमने-सामने हैं. पिछले साल के अंतिम सप्ताह में छिड़ी पारिवारिक जंग इस कदर बढ़ चुकी है कि अब 13 जनवरी को चुनाव आयोग तय करेगा कि समाजवादी पार्टी का असली हकदार कौन होगा.

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