युवाओं को आत्म-निर्भर बना रही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
भोपाल,16 मार्च(इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार की मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध हो रही है। इस कारण युवा वर्ग नौकरी करने की बजाय खुद का व्यवसाय स्थापित कर स्वावलम्बी बनना पसंद कर रहे हैं।
मुरैना जिले के मनोहर नगर निवासी रामवीर सिंह पहले फर्नीचर की दुकान में काम करते थे। मजदूरी बहुत कम थी। उनकी इच्छा थी कि वह स्वयं का ही फर्नीचर उद्योग शुरू करें, परन्तु धन के अभाव में उनका यह सपना सच नहीं हो पा रहा था। रामवीर ने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के बारे में पता चलते ही जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में आवेदन कर बैंक ऑफ बड़ोदा से 5 लाख रूपये का ऋण प्राप्त किया। रामवीर ने ऋण राशि से घर पर ही फर्नीचर कारखाना खोला और मशीनें भी खरीदी। वर्तमान में इस व्यवसाय से रामवीर 20 से 25 हजार रूपये प्रतिमाह कमा रहे हैं। साथ ही चार बेरोजगारों को रोजगार भी दे रहे हैं।
अनूपपुर के रामजी पटेल अपनी छोटी-सी जूता-चप्पल की दुकान से होने वाली आय पर ही निर्भर थे। वह अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहते थे, परन्तु पैसे की कमी आगे बढ़ने में सबसे बड़ी रूकावट थी। रामजी पटेल ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 2 लाख का ऋण प्रकरण तैयार करवाकर यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया से ऋण लिया। इन्हें आजीविका मिशन की तरफ से 60 हजार रुपये की अनुदान राशि भी मिली।
रामजी पटेल ने ऋण राशि से अपनी छोटी-सी दुकान को वर्तमान व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में बने रहने लायक बनाया, जूते-चप्पल की मात्रा और वेरायटी को खूब बढ़ाया। इससे दुकान में ग्राहकों का आना बढ़ा और आमदनी में भी वांछित वृद्धि हुई। रामजी पटेल पहले किसी तरह 5-6 हजार रूपये प्रतिमाह बमुश्किल कमा पाते थे। अब इन्हें अपनी दुकान से ही 15-16 हजार रूपये प्रतिमाह आय हो रही है। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना ने मुरैना के रामवीर सिंह और अनूपपुर के रामजी पटेल को सफल व्यसायी बना दिया है।