November 15, 2024

मोदी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा आज, TDP-YSRC लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

नई दिल्ली,19 मार्च (ई खबर टुडे)।खुद को आंध्र प्रदेश का बड़ा हितैषी दिखाने की होड़ में वाईएसआर कांग्रेस और तेलुगु देसम पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कवायद में जुटी हुई हैं। दोनों दल अब अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार कराने और जरूरी 50 सांसदों का समर्थन जुटाने में लगे हैं। आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर छिड़ी नाक की लड़ाई में टीडीपी को सत्ता और राजग का साथ छोड़ना पड़ा है।

अब वह अविश्वास प्रस्ताव के मसले पर वाईएसआर कांग्रेस से नहीं पिछड़ना चाहती। वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बा रेड्डी ने सोमवार की कार्यवाही के संशोधित कार्यक्रम में अविश्वास प्रस्ताव के अपने नोटिस को शामिल किए जाने के लिए कहा है। रेड्डी ने इस बाबत लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखा है। टीडीपी ने भी अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे रखा है। लेकिन पिछले सप्ताह दिए गए इन नोटिसों को लोकसभा की कार्य सूची में दर्ज नहीं किया गया है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा है कि इसके लिए अभी तक लोकसभा प्रशासन का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। सोमवार को भी अविश्वास प्रस्तावों के नोटिस पर कोई फैसला होने की उम्मीद कम है।

बजट सत्र के आखिरी हिस्से के दो सप्ताह हंगामे के बीच गुजर चुके हैं। बावजूद इसके सरकार बजट और कुछ महत्वपूर्ण विधेयक ध्वनि मत के जरिये पारित कराने में सफल रही है। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देने के विरोध में वाईएसआर कांग्रेस ने पिछले हफ्ते मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया था। इसी के बाद टीडीपी ने सरकार और राजग को छोड़ने की घोषणा की।

प्रतिद्वंद्वी वाईएसआर कांग्रेस को पीछे छोड़ने के लिए टीडीपी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का अलग से नोटिस दिया। अब दोनों पार्टियां विपक्षी पार्टियों से अपने-अपने नोटिस के समर्थन के लिए लामबंदी में जुटी हुई हैं। सदन में पेश होने के लिए किसी भी नोटिस को कम से कम 50 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। उधर सरकार ने अपने बहुमत का भरोसा जता दिया है। कहा है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव सदन में पेश भी हुआ तो वह उसे लोकसभा में परास्त कर देगी। 539 सदस्यों वाली लोकसभा में भाजपा के पास खुद के 274 सदस्य हैं, जबकि बहुमत के लिए 270 सदस्यों की ही जरूरत है।

आज ममता से मिलेंगे चंद्रशेखर राव –
2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों की गोलबंदी तेज हो गई है। केंद्र की मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए कई विपक्षी दल एकजुट होते हुए तीसरे मोर्चे की कवायद में जुटे हैं। इसी कड़ी में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) सोमवार को तृणमूल कांग्र्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सचिवालय में मुलाकात करेंगे।

सूत्रों के अनुसार मुलाकात का समय शाम चार बजे निर्धारित है। इससे पहले चार मार्च को ममता बनर्जी के साथ राव की फोन पर बातचीत हुई थी। ममता ने केसीआर से कहा था कि अगर कोई दल समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ लाना चाहता है तो वह भी उनका साथ देने को तैयार हैं। गौरतलब है कि हाल में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों को इकट्ठा करने के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया था। इसमें करीब 18 राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं ने शिरकत की थी। तृणमूल की ओर से ममता बनर्जी खुद तो शामिल नहीं हो सकीं, लेकिन सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय इसमें शामिल हुए थे।

You may have missed

This will close in 0 seconds