May 10, 2024

मानसिक नि:शक्तजनाें को सहायता पहुंचाना पुण्य का कार्य – कलेक्टर श्री शर्मा

जिला मुख्यालय पर मानसिक रूप से नि:शक्तता के परीक्षण हेतु शिविर आयोजित

रतलाम 12 मई (इ खबरटुडे)। मानसिक मंदता एवं सेरिब्रल पल्सी के नि:शक्ताें को सहायता पहुंचाकर लाभान्वित करना पुण्य का काम है। यह बात कलेक्टर राजेन्द्र शर्मा ने आज जिला मुख्यालय पर सामाजिक न्याय विभाग एवं लायंस क्लब के सहयोग से मानसिक नि:शक्तजनाें के परीक्षण के लिए आयोजित शिविर के अवलोकन के दौरान कही। शिविर में लगभग 200 से अधिक नि:शक्तजनाें का परीक्षण किया गया।

शिविर के अवलोकन के दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने परीक्षण कर रहे मनोरोग विशेषज्ञ डा.निर्मल जैन से कहा कि मानसिक मंदता एवं सेरिब्रल पल्सी के ठीक हो सकने वाले मरीजाें का उपचार करें। जिला चिकित्सालय में दवाईयाें की कमी होने या उपलब्धता नहीं होने पर अन्य स्त्रोताें से दवाईयाें की व्यवस्था की जाएगी।उन्हाेंने लायंस क्लब के उपस्थित सदस्याें को शिविर आयोजित करने के लिए बधाई दी। उन्हाेंने कहा कि इसी तरह सामाजिक कार्य करते रहना चाहिए ताकि जरूरतमंदाें को सहायता मिल सके। इस मौके पर आयोजित कार्यम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इप्का लेबोरेटरी के मैनेजर दिनेश सियाल ने संबोधित करते हुए कहा कि लांयस क्लब ने शिविर आयोजित कर मानसिक नि:शक्ताें को लाभान्वित करने का बेड़ा उठाया है। शिविर में परीक्षण के दौरान मंदबुध्दि बच्चाें को प्रमाण पत्र के साथ- साथ उपचार के लिए सलाह भी दी जाएगी। उन्हाेंने कहा कि मंदबुध्दि बच्चाें को आर्थिक मदद की जरूरत होती है जिसे मध्यप्रदेश शासन ने 500 रूपए प्रतिमाह पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराकर सराहनीय कार्य किया है।

शिविर में उपस्थित नगर निगम रतलाम की महिला एवं बाल विकास समिति अध्यक्ष श्रीमती सीमा टांक ने कहा कि शासन की इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए। उन्हाेंने आमजनाें से भी अनुरोध किया कि वे मानसिक रूप से कमजोर बच्चाें के पालकाें को शासन की योजना बताए। उन्हाेंने कहा कि जन्म के उपरांत कमजोर रहने वाले बच्चे आमतौर पर मानसिक रूप से कमजोर होते है।उन्हाेंने माता-पिताआें से अनुरोध किया कि छह वर्ष तक के कमजोर बच्चाें को समीप के आंगनबाडी केन्द्र अवश्य भेजे। आंगनबाडी केन्द्राें में बच्चाें को वजन बढाने के लिए पोषक आहार एवं दवाईयां दी जाती है। डिप्टी कलेक्टर सुश्री निशा डामोर ने कहा कि शासन द्वारा अनेकाें कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है।इन योजनाआें का जरूरतमंदो तक पहुंचाया जाना जरूरी है। पर्यावरणविद् डा.खुशालसिंह पुरोहित ने कहा कि सामाजिक संस्थाएं आगे आकर मानसिक नि:शक्ताें की पहचान कर उन्हें लाभान्वित करने में मदद करें। जरूरतमंदो को लाभान्वित करने के लिए स्वयंसेवी संगठन, सरकार और समाज मिलकर कार्य करें तो मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाया जा सकता है। उप संचालक सामाजिक न्याय के.एन.जोशी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति जो मानसिक मंदता एवं सेरिब्रल पल्सी तथा बहुविकलांग है, उन्हे मध्यप्रदेश शासन के द्वारा 500 रूपए प्रतिमाह की पेंशन दी जाती है। नि:शक्ताें का प्रति मंगलवार जिला चिकित्सालय में बोर्ड द्वारा भी परीक्षण किया जाता है। यहां पर भी नि:शक्तजन जाकर परीक्षण करा कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते है। उन्हाेंने बताया कि जिले में सर्वे के दौरान 1600 नि:शक्ताें को चिन्हित किया गया है जिनका परीक्षण किया जा रहा है। जिले में अब तक 216 मानसिक नि:शक्ताें को पेंशन प्रदान करना भी शुरू कर दिया है। मानसिक रूप से नि:शक्ताें को पेंशन प्रदान करने में आयु एवं एपीएल या बीपीएल का बंधन नहीं है।

शिविर में नि:शक्तजनाें का परीक्षण मनोरोग विशेषज्ञ डा.निर्मल जैन एवं अस्थिरोग विशेषज्ञ डा.एस.के.वरूण ने किया। कार्यम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं ला.मेल्वीन जेम्स के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।कार्यम के समापन पर चेयर पर्सन लायंस क्लब विजय वोरा ने आभार व्यक्त किया। कार्यम का संचालन लायंस क्लब अध्यक्ष सुनील जैन ने किया। परीक्षण शिविर में आर.एस. कालानी, नीरज सुरोलिया, विक्की जैन, विम सिंह सिसौदिया एवं संजय गुणाता ने सयि सहयोग प्रदान किया। नि:शक्ताें के परीक्षण के लिए सामाजिक न्याय विभाग की समन्वयक सुश्री सुनीता पंवार तथा दिप्ती अग्रवाल एवं कर्मचारियाें ने भी सहयोग दिया।

 

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