महिला बाल विकास एवं CHAI-MPVHA से परियोजना के अंतर्गत ग्राम खेरदा में पुंसवन संस्कार का आयोजन
रतलाम,18 मई(इ खबरटुडे)। आज जिले के बाजना विकासखण्ड के ग्राम खेरदा आंगनबाड़ी में 15 महिलाओं का पुंसवन संस्कार रखा गया, जिसमे उन्हें अभिमंत्रित खीर खिलाई गई ,साथ ही एनिमिया,कुपोषण,ओ.आर.एस , आई.वाय.सी.एफ,आई.एफ.ए आदि के बारे में समझाईश दी गई .इस मौके पर अच्छा कार्य करने वाली मुन्नीदेवी बरेलिया को पुरुस्कृत किया गया
इस मौके पर ICDS सुपरवाइज़र हबीबनूर पठान, शांता पोरवाल और CHAI-MPVHA से परियोजना समन्वयक रोहित शर्मा ने इस दौरान संस्कार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों द्वारा दिए गए संस्कार के सूत्र का वैज्ञानिक महत्व है। संस्कार कराने से कोई व्यक्ति हो या पदार्थ उसका प्रभाव कई गुणा बढ़ जाता है।
एनिमिया,कुपोषण आदि के बारे में विस्तार में जानकारी देते हुए परियोजना समन्वयक रोहित शर्मा कहा कि शरीर के लिए आवश्यक सन्तुलित आहार लम्बे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण है। कुपोषण के कारण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। अत: कुपोषण की जानकारियाँ होना अत्यन्त जरूरी है। कुपोषण प्राय: पर्याप्त सन्तुलित अहार के आभाव में होता है। बच्चों के अधिकांश रोगों की जड़ में कुपोषण ही होता है।
एनीमिया की जानकारी देते हुए रोहित शर्मा ने बताया कि खून में आयरन की कमी से हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है जिसे हम एनीमिया के नाम से जानते हैं। आयरन हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं या रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और क्योंकि हीमोग्लोबिन ही फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है इसलिए हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। और शरीर को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती।लोग एनीमिया कोई को कोई बड़ी बीमारी नहीं मानते और इसे अनदेखा करते जाते हैं। लेकिन असल में इस बीमारी से जान भी जा सकती है।
रोहित शर्मा ने विस्तार समझाया साथ ही खेरदा में एक कुपोषित बच्चे गुड़िया पिता मोहन गणावा से गृह भेट कर उन्हें NRC जाने की समझाईश दी गई।