May 7, 2024

महाकाल शिवलिंग क्षरण को लेकर पुरातत्व की टीम बुलाई

क्षरण से शिवलिंग का आकार हो रहा कम
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा राय लेकर बंद करेंगे गर्भ गृह में प्रवेश

उज्जैन,6 जुलाई (इ खबरटुडे)। शिव भक्तों के लिए बुरी खबर है। बारह ज्योतिर्लिंगो में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में जाने पर जल्द रोक लग सकती है। दरअसल पंडितों व भक्तो द्वारा बाबा के शिवलिंग पर विभिन्न सामग्रियों से अभिषेक करने तथा बार बार हाथ लगाने से रगड़ के कारण शिवलिंग को क्षति हो रही है। लगातार शिवलिंग के आकार में हो रही कमी के कारण उज्जैन कलेक्टर ने विशेषज्ञों की एक टीम बुलाकर जांच सौंपी है। अब अगर जांच में ये पाया गया कि श्रध्दालु के पूजन और हाथ लगाने से ही ये क्षति हो रही है तो बहुत जल्द श्रध्दालुओं का मंदिर के शिवलिंग पर हाथ लगाना प्रतिबन्धित हो सकता है।
स्वयं-भू माने जाने वाले ज्योतिर्लिंग और अनादिकाल से उज्जैन में विराजित बारह ज्योतिर्लिंग  में से एक और देश के सबसे महत्वपूर्ण शिवलिंगों में शुमार होने वाले उज्जैन के महाकाल मंदिर का शिवलिंग लगातार तेजी से क्षतिग्रस्त हो रहा है। कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष बी.एम. शर्मा ने यह बात शनिवार को प्रबंध समिति की बैठक में कही। महाकाल मंदिर में रोजाना हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं साथ ही बाहर से आने वाले श्रध्दालुओं की संख्या सबसे यादा होती है ऐसे में मंदिर आने वाले श्रध्दालु पंचामृत अभिषेक पूजन करते हैं जिसमें दूध, घी, शक्कर, शहद आदि से शिवलिंग को लेप किया जाता है। इसके अलावा प्रतिदिन बाबा महाकाल की पांच बार आरती की जाती है उसमें भी पांच बार शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता है। श्रृंगार में सुखा मेवा, भांग, चावल आदि से बाबा को श्रृंगारित किया जाता है। इन सबके अलावा शिव लिंग पर लगातार चढ़ाया जाने वाली सामग्री की शुध्दता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं पंचामृत पूजन में उपयोग किये जाने वाले दूध, दही, घी, शहद, अबीर, गुलाल, कुमकुम, मेहंदी और इत्र भी इस क्षरण की मुख्य वजह माने जा रहे हैं।
वहीं दूसरी और महाकाल मंदिर के शिवलिंग के लगातार हो रहे क्षरण को लेकर आम लोगों और सोश्यल मीडिया पर मुहीम चला रहे प्रबोध पंडया के अनुसार हम पिछले छह महीने से मुहिम चला रहे है लेकिन अब प्रशासन इस बारे में सतर्क नजर आ रहा है और कार्रवाई की बात कर रहा है यह प्रशासन की उल्लेखनीय पहल है।
वहीं प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री और उज्जैन के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि ओंकारेश्वर मन्दिर की भांति महाकाल में भी आम राय लेकर प्रवेश प्रतिबन्ध पर निर्णय लेंगे। श्री विजयवर्गीय शनिवार रात उज्जैन पहुंचे थे।

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