जय जयकार के साथ महंत गोपालदास जी महाराज को अंतिम बिदाई
डोल निकाला गया, रास्ते भर श्रद्घालुओं ने पुष्पवर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की
रतलाम, 19 फरवरी (इ खबरटुडे)। बड़ा रामद्वारा के महंत श्री गोपालदासजी महाराज का देवलोक गमन 18 फरवरी शाम 7 बजे हो गया। उनकी डोल (अंतिम यात्रा) 19 फरवरी सोमवार को वकील कॉलानी स्थित बड़ा रामद्वारा से बैण्डबाजों की धुन और भजन संगीत के साथ निकाला गया। रास्ते भर जगह-जगह मंच बनाकर पुष्पवर्षा के साथ श्रद्घालुओं ने उन्हे नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। यह डोल नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए त्रिवेणी मुक्तिधाम पहुंची। यहां उनके उत्तराधिकारी शिष्य पुष्पराज जी ने मुखाग्नि दी।
श्रद्धांजलि सभा में सिंथल से पधारे श्री नवलराम जी महाराज ने कहा कि जीव को मानव शरीर बड़ी मुश्किल से मिलता है। मानव शरीर की कामना देवता को भी होती है। जीव मात्र चाहता है कि वह सदासुखी रहे। ऐसी मांग की पूर्ती विवेक के सद्पयोग के द्वारा की जा सकती है। संत सदैव परमात्मा और कर्तव्य को महत्व देते है। संत सुकोमल होते है दुसरों के दुख देखकर दुखी हो जाते है। गोपालदास जी महाराज का जीवन भी दया, उदारता और करूणा से भरा था। उन्होने अपना जीवन सेवा, त्याग, तपस्या और परहित में व्यतीत किया है।
रामपाल जी महाराज एवं गोविन्दराम जी महाराज ने मंहत श्री के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गोपालदास जी महाराज के उपदेश और मार्गदर्शन हम सबके लिए प्रेरणास्त्रोत रहेंगे। विधायक प्रतिनिधि के रूप में एवं भाजपा की ओर से समाजसेवी मनोहर पोरवाल द्वारा शृद्घाजंलि अर्पित की गई।
श्री कालिकामाता सेवा मण्डल ट्रस्ट, बुद्घेश्वर आश्रम, प्रभूप्रेमी संध, समन्वय परिवार, गोपालजी का बड़ा मंदिर न्यास, श्री बद्रीनारायण सेवा ट्रस्ट, महारूद्र यज्ञ समिति, मेहन्दी कुई बालाजी मंदिर, नित्यानंद धाम, श्री गढक़ैलाश मंदिर समिति, पवन पुत्र व्यायामशाला, आर्दश हिन्द व्यायामशाला, राजपूत नवयुवक मण्डल, स्वर्णकार समाज, वैष्णव बैरागी समाज, श्रीमाली ब्राह्मण समाज, श्री चिन्तामन गणेश ट्रस्ट, गुजराती सेन समाज, दामोदर दर्जी समाज, श्री अनंत नारायण मंदिर के पदाधिकारीयों द्वारा शृद्घाजंलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत महात्मा, समाजसेवी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन माधव काकानी द्वारा किया गया।