December 24, 2024

मध्य प्रदेश में मंत्री ने छू लिए अधिकारी के पैर, बोले- आपकी वजह से ही चुनाव हारते हैं

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ग्वालियर,29 फरवरी (इ खबर टुडे )। शहर की सफाई पर अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी से अब मंत्री तक असहाय हो गए हैं। वे कभी एफआईआर तो कभी सस्पेंड या ट्रांसफर करने की हिदायत तक दे चुके हैं। जब अफसरों पर इसका भी असर नहीं हुआ तो कुछ दिन पहले मंत्री खुद कमर से ऊपर तक भरे नाले में उतरकर फावड़े से सफाई करने लगे। अब तो हद ही हो गई।

अफसर के चलताऊ जवाब से खिन्न् हुए मंत्री जी भरी मीटिंग में उठे और अफसर के पैर छू लिए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने शुक्रवार को अपनी विधानसभा के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। जब उन्होंने स्वर्ण रेखा नदी में बह रहे सीवर की सफाई और बदनापुरा में भूमिपूजन पर सवाल उठाए तो अधिकारियों के जवाब सुन वे परेशान हो गए और प्रोजेक्ट प्रभारी शिशिर श्रीवास्तव के पैर ही छू लिए।

भरी बैठक में यह नजारा देख अधिकारी सन्न रह गए। मंत्री ने अपनी विधानसभा के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। इसमें मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। समीक्षा शुरू हुई तो उन्होंने स्वर्ण रेखा नदी के प्रोजेक्ट अधिकारी शिशिर श्रीवास्तव से पूछा कि बदनापुरा में सीवर लाइन का उन्होंने भूमिपूजन किया। छह माह बाद भी वहां काम चालू नहीं हो सका है। श्रीवास्तव ने जल्द काम शुरू कराने की बात कही, इस पर मंत्री नाराज हुए।

फिर उन्होंने पूछा कि स्वर्ण रेखा नदी में 6 माह से सीवर बह रहा है। पिछले माह 7 साल का रचित श्रीवास्तव नामक मासूम उसमें डूबकर मर गया। लेकिन आज तक सीवर बहना बंद नहीं हुआ। इस पर श्रीवास्तव ने जवाब दिया कि हर दिन 60 आदमी चोक सीवर लाइन की सफाई कर रहे हैं। यह सुनते ही मंत्री ने कहा कि अभी सभी 60 आदमियों को बुलाओ। यह सुन निगमायुक्त संदीप माकिन, शिशिर व विधानसभा के सीवर सेल प्रभारी आरके शुक्ला बगलें झांकने लगे। अचानक मंत्री कुर्सी से उठे और शिशिर के पैर छूते हुए कहा- आप जैसे लोगों के कारण ही हम लोग चुनाव हारते हैं।

एफआईआर के लिए कहा, परिचय मिला तो फिर छोड़ दिया
मंत्री ने बैठक में ही किलागेट थाना प्रभारी और सीएसपी को बुलाया और स्वर्ण रेखा नदी में सीवर सफाई का कार्य कर रहे अमृत योजना के ठेकेदार पर एफआईआर के निर्देश दिए। बैठक खत्म होते ही ठेकेदार का एक रिश्तेदार बाल भवन पहुंचा और मंत्री को अपना परिचय दिया। इसके बाद घटनाक्रम बदल गया और एफआईआर का मामला निर्देश तक सीमित रह गया।

बैठक में निगमायुक्त के अलावा अधीक्षण यंत्री जलप्रदाय विभाग आरएलएस मौर्य, डिप्टी कमिश्नर हसीन अख्तर, सीओ अजयपाल सिंह जादौन, क्षेत्राधिकारी संजीव झा, यशवंत मेकले, राजेन्द्र शर्मा, रामसेवक शाक्य, भवन अधिकारी पवन शर्मा व राकेश कश्यप भी मौजूद थे।

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