मजदूरों से हर महीने 100 रुपये लेकर 3000 की पेंशन देगी मोदी सरकार
नई दिल्ली ,01फरवरी(इ खबरटुडे)। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चुनावी साल में अपना आखिरी और अंतरिम बजट पेश किया. ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे साथ पांच साल राज करने वाली सरकार अब लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ी है. ऐसे में सरकार ने असंगठित क्षेत्र मे काम करने वालों कामगारों के लिए पेंशन स्कीम की शुरूआत करने का फैसला लिया है. इसके तहत मात्र 100 रुपये प्रति महीने के योगदान से 60 साल से ऊपर सभी कामगारों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने की घोषणा की गई है.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह घोषणा करते हुए कहा कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों का देश को बनाने में अहम योगदान होता है. इसके लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की घोषणा की है. यह एक पेंशन स्कीम है जिसके तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 60 वर्ष से ऊपर से कामगारों को 3000 रुपये का मासिक पेंशन देना सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने बताया इस पेंशन का लाभ सभी कामगार 100 रुपये प्रतिमाह का भुगतान कर प्राप्त कर सकते हैं.
पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने शुरू से ही महिलाओं, खास तौर पर ग्रामीण महिलाओं के जीवन में अमूल चूल परिवर्तन लाने की दिशा में काम किया है. जिसके तहत सरकार ने स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य रखा, जिसमें से 6 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिए मातृवंदना योजना लागू की गई.
गोयल ने कहा कि गांवों की आत्मा को बरकरार रखते हुए उसका समुचित विकास इस सरकार का ध्येय रहा है. इसके तहत आज प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिए हर गांव में पक्का रास्ता पहुंचाने की गति में तीन गुना वृद्धि आई है. इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन को देश की जनता ने आंदोलन के तौर पर लिया और उनके व्यवहार में क्रांतिकारी बदलाव आया है. इस योजना के तहत 98 फीसदी ग्रामीण भारत कवर किया जा चुका है. वहीं 5.45 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार ने सामाजिक न्याय मंत्रालय और नीति आयोग के तहत घुमंतू और अर्ध घुमंतू वर्ग को चिंहित करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. जिसका का काम इनकी पहचान करना होगा. ताकि एक जगह स्थाई न रहने वाले ये लोग भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके.