मंत्री को बोल वचन भारी पड़े!
बोल पर कार्यकर्ताओं को पर्चे से भड़काने की कोशिश
उज्जैन 27 अक्टूबर। खाद्य मंत्री पारस जैन को अपने पांच साल के कार्यकाल में बोले गये वचन अब भारी पड़ने लगे हैं। बोल को लेकर कार्यकर्ताओं को पर्चे से उनके विरुध्द भड़काने की शुरुआत हो चुकी है। इस शुरुआत की प्रथम किश्त बाजार में आ गई है। सियासत का पहला दाव चला गया है।
शनिवार को खाद्य मंत्री पारस जैन के विरुध्द निकले पर्चे की चर्चा आम रही। इस आम चर्चा में खास बात यह रही कि मंत्री के बोल वचन को लेकर उत्तर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की गई। पर्चे की चर्चा करते हुए भाजपा कार्यकर्ता ही आपस में बात कर रहे थे कि आखिर क्या गलत लिखा है? और कब तक अपमान का घूंट पीयेंगे। कार्यकर्ताओं ने औकात से लेकर काफी कुछ सुना है। पर्चे के बारे में कार्यकर्ता यह भी चर्चा करते पाये गये कि पर्चे में जिन माध्यमों से कार्यकर्ताओं को संतरे की फांक की तरह भांति-भांति में बदल दिया गया है। उसका असर भी अब मालूम होगा। कंट्रोल की लड़ाई का एक खेमा पूरा अब सामने होगा। क्यों रे गुर्गे, क्यों री, भीखमंगे जैसे शब्दों से कार्यकर्ता को अपमानित भी होना पड़ा है। बताया जा रहा है कि पर्चे में कार्यकर्ताओं को उकसाया गया है कि वे अब अपमान का घूंट न पियें। पार्टी में अपनी उपस्थिति को दर्ज करवाते हुए मर्द की तरह जियें।
पर्चा नियम विरुध्द
निकाला गया पर्चा नियम विरुध्द बताया जा रहा है। इसमें आदर्श आचरण संहिता का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है। न तो इसमें प्रकाशक का नाम है और न ही मुद्रक का। इसके अतिरिक्त मुद्रण संख्या भी अंकित नहीं की गई है। अंत में अंतिम पंक्ति का कार्यकर्ता अंकित किया गया है।