भूमिगत जलस्त्रोत हुए प्रदूषित
ग्राम पंचायत ने की कार्यवाही की मांग
रतलाम,३० जुलाई (इ खबरटुडे)। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने समीपस्थ ग्राम नगरा के निवासियों के सामने एक नई समस्या खडी कर दी है। गांव के तमाम भूमिगत जलस्त्रोत व हैण्डपंप प्रदूषित पानी उगलने लगे है। ग्रामीण हैरान है कि अचानक ऐसा कैसे होने लगा? परेशान ग्रामीणों ने आज कलेक्टोरेट पंहुचकर इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन सौंपा और प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उद्योग के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
नगरा ग्राम पंचायत के उपसरपंच भीमसिंह भाटी ने बताया कि जब से बारिश ने जोर पकडा है,तभी से गांव के अधिकांश हैण्डपंप प्रदूषित जल उगलने लगे है। श्री भाटी ने बताया कि हैण्डपंप और निजी नलकूपों से जो पानी आ रहा है वह रंगीन और बदबूदार है। इस पानी में इतना झाग बन रहा है,जैसे इसमें बडी मात्रा में साबुन मिला दिया गया हो। पानी इतना प्रदूषित है कि इसे किसी भी उपयोग में नहीं लिया जा सकता। पेयजल के स्त्रोतों के प्रदूषण का सीधा असर ग्रामवासियों के स्वास्थ्य पर पड रहा है। ग्रामीणजनों और पशुओं के लिए पीने के पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है।
श्री भाटी ने बताया कि आसपास के उद्योगों का प्रदूषित पानी जमीन में छोडा जा रहा है और इसी वजह से गांव के पेयजलस्त्रोत प्रदूषित हुए है। श्री भाटी ने कहा कि एक प्रख्यात दवा उद्योग द्वारा बारिश के दिनों में उद्योग का प्रदूषित रसायनयुक्त पानी टैंकरोंके माध्यम से आसपास के नालों आदि में छोड दिया जाता है। इसका सीधा असर भूमिगत जलस्त्रोत पर पडता है।
नगरा ग्राम पंचायत के उपसरपंच भीमसिंह भाटी के नेतृत्व में फूलसिंह यादव,रामलाल बाघेला,विकास पाटीदार,वासुदेव पाटीदार,जुझारसिंह जोधा,अशोक पण्डया,पन्नालाल पाटीदार इत्यादि अनेक ग्रामीणों ने आज दोपहर कलेक्टोरेट पंहुचकर जिला प्रशासन को इस सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि गांव के जलस्त्रोत के प्रदूषण की जांच करवा कर प्रदूषण फैलाने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कडी कार्यवाही की जाए। साथ ही गांव में शुध्द पेयजल की व्यवस्था की जाए।