भारत से बड़ा और कोई वैज्ञानिक देश नहीं
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा चार दिवसीय भोपाल विज्ञान मेला का शुभारंभ
भोपाल 15 फरवरी (इ खबरटुडे) । नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि विज्ञान की दृष्टि से भारत से बड़ा और कोई वैज्ञानिक देश नहीं है। श्री विजयवर्गीय भेल दशहरा मैदान में 17 फरवरी तक चलने वाले मेला के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक विश्वास सारंग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के महानिदेशक प्रमोद के.वर्मा, प्रदूषण निवारण मंडल के अध्यक्ष डॉ.एन.पी. शुक्ला, पदमश्री प्रो.विनोद कुमार सिंह, एम्प्री के निदेशक डॉ. नवीन चन्द्रा, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जयंत सहस्त्रबुद्धे, विजय सखलेचा, जे.पी. शुक्ला आदि उपस्थित थे।
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि विज्ञान का सीधा संबंध शोध और विकास से है। यह जितना समृद्ध होगा, उतना हम और हमारा देश विकसित होगा। भारतीय इतिहास में विज्ञान को सदैव महत्व मिला है। हमें विज्ञान के महत्व को कायम रखकर इससे युवा वर्ग को जोड़ना होगा। उन्होंने विज्ञान को वैचारिक आंदोलन बताते हुए इसे समाज से जोड़ने का आव्हान भी किया। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि हमें अपने देश के वैज्ञानिकों का आत्म-विश्वास पुन: जाग्रत करना होगा। नई सोच और विश्वास के साथ वैज्ञानिक तरीके से देश का नवनिर्माण करना होगा।
विश्वास सारंग ने कहा कि विज्ञान मेले से विज्ञान को जानने और समझने वाले लोगों को फायदा मिलेगा। देश के समग्र विकास के लिए विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर कार्य होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विज्ञान से दूर रहने वाले व्यक्ति को भी विज्ञान मेले से जोड़ना चाहिए। डॉ. एन.पी. शुक्ला ने कहा कि विज्ञान के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की ओर विद्यार्थियों का रुझान बढ़े ऐसे प्रयास किये जाने चाहिए। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को जन-जन का विषय बनाकर ही हम देश को मजबूत बना सकते हैं।
डॉ. नवीन चन्द्रा ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के क्षेत्र में आज जो कुछ भी हो रहा है, उससे युवाओं को जोड़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि विज्ञान मेले में विभिन्न संस्थान के 150 स्टॉल लगाये गये हैं। डॉ. चन्द्रा ने कहा कि विज्ञान का जितना लोक व्यापीकरण होगा उतना हम आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान को अपनाकर हम अपने देश का सही मायनों में विकास कर सकते हैं। पदमश्री प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि मेलों से ज्ञान मिलता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में शोध और अनुसंधान कार्यों के लिए धनराशि की कमी नहीं होनी चाहिए। युवाओं तथा विद्यार्थियों को शोध कार्यों से जोड़ना होगा। श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे ने विज्ञान भारती की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि यह संगठन लोगों को बताता है कि कैसे विज्ञान द्वारा विकास किया जा सकता है। उन्होंने विकास के लिए विज्ञान मेले जैसे आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को विज्ञान से जोड़ना होगा।
प्रांरभ में डॉ.एन.पी.शुक्ला, प्रमोद के. वर्मा आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। सुश्री सुहासिनी जोशी ने मध्यप्रदेश गान की प्रस्तुति की। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् की ओर से अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भेंट किये गये। श्री विजयवर्गीय ने शॉल एवं श्रीफल भेंट कर प्रो. विनोद कुमार सिंह को सम्मानित किया। श्री विजयवर्गीय ने मो.रईस द्वारा मोबाइल फोन से चलने वाली कार तथा मेले का अवलोकन किया। इस अवसर पर वैज्ञानिक, शिक्षक, विद्यार्थी आदि उपस्थित थे।