भारत की पहल पर BRICS में पहली बार PAK के आतंकी गुटों का जिक्र
शियामेन/नई दिल्ली ,04 सितम्बर(इ खबर टुडे)। ब्रिक्स समिट में पहली बार आतंकी संगठनों की खास लिस्ट का जिक्र किया गया है। इसमें पाकिस्तान के आतंकी गुट लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीके-तालिबान, हक्कानी नेटवर्क का भी नाम शामिल है। इसे भारत की डिप्लोमैटिक जीत करार दिया जा रहा है।
चीन के पोर्ट सिटी शियामेन में सोमवार को 9वीं ब्रिक्स समिट 5 देशों के लीडर्स के ग्रुप फोटोग्राफ से शुरू हुई। इस मौके पर प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने नरेंद्र मोदी से हाथ मिलाकर उनका गर्मजोशी से वेलकम किया। बाद में ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका) की तरफ से ज्वाइंट डिक्लेरेशन (घोषणा पत्र) जारी किया गया, जिसमें कई आतंकी संगठनों का जिक्र कर उनसे खतरा बताया गया और सभी तरह के आतंकवाद की निंदा की गई।
आईएसआईएस और अलकायदा का भी जिक्र…
ब्रिक्स देशों की तरफ से जारी डिक्लरेशन में कहा गया, “हम तालिबान, लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीके-तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, आईएसआईएस, हिज्ब उत-तहरीर, अलकायदा, ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और उज्बेकिस्तान के इस्लामिक मूवमेंट द्वारा क्षेत्र में फैलाई जा रही हिंसा के चलते बिगड़े सुरक्षा हालात पर चिंता जताते हैं।”
“हम आतंकवाद के सभी रूपों, इससे जुड़े ड्रग ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और दुनिया समेत ब्रिक्स देशों में हुए सभी आतंकी हमलों की आलोचना करते हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम इंटरनेशनल कोऑपरेशन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसमें देशों की संप्रभुता का खयाल रखना चाहिए, किसी भी देश के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दिया जाना चाहिए।”
“ब्रिक्स देश यूएन की जनरल असेंबली की तरफ से ‘कॉम्प्रिहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म’ (अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते) को जल्द ही अंतिम रूप दिए जाने और इसे मंजूर किए जाने की भी मांग करते हैं। ब्रिक्स देश आतंकवाद से मुकाबले और इसके लिए की जा रही फाइनेंसिंग को रोकने के लिए व्यापक नजरिया अपनाएं।