बेटी अगर घर में बड़ी तो वही होगी ‘कर्ता-धर्ता’: हाईकोर्ट
नई दिल्ली,1 फरवरी (इ खबरटुडे)।देश में बेटियों को सम्मान और समानता दिलाने की कोशिशों को उस वक्त और बल मिल गया जब दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में ऐतिहासिक फैसला दे दिया। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि अगर घर में सबसे बड़ा व्यक्ति की उस घर का कर्ता-धर्ता होगा चाहे फिर वो एक बेटी ही क्यों ना हो।
दरअसल हाईकोर्ट ने यह फैसला दिल्ली के एक कारोबारी की बेटी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया। कारोबारी की बेटी घर में बड़ी है। अपने पिता और तीच चचाओं की मौत के बाद कोर्ट में केस दायर किया था कि वो घर में सबसे बड़ी है और इस लिहाज से घर की मुखिया वही हो।
र में बड़ी बेटी होगी वही घर की कर्ता-धर्ता
समाज में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने की दिशा में फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा कि जिस घर में बड़ी बेटी होगी वही घर की कर्ता-धर्ता होगी। भारतीय संस्कृति में कर्ता का मतलब उस व्यक्ति से होता है जो संयुक्त परिवार का मुखिया होता है और पूरे परिवार को मैनेज करता है।
जस्टिस नजमी वजीरी ने यह फैसला देते हुए यह भी कहा कि यदि एक हिंदू संयुक्त परिवार में यदि बेटा बड़ा होने की वजह से वो कर्ता हो सकता है कि तो एक बेटी भी घर की मुखिया हो सकती है।
हिंदू परिवारों में कर्ता या घर का मुखिया वो व्यक्ति होता है जो पूरे परिवार को लेकर चलने के साथ ही परिवार से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों, रिवाजों और संपत्ति को लेकर निर्णय लेता है। कोर्ट ने यह भी कहा हिंदू उत्तराधिकार नियम में कहीं भी एक बेटी के घर का कर्ता बनने को लेकर प्रतिबंध या रोक नहीं है।