बिहार में बुखार से बच्चों की मौत पर ओडिशा तक हड़कंप, लीची के नमूनों की होगी जांच
भुवनेश्वर,19 जून(इ खबरटुडे)। बिहार में एक्यूट इंसफलाइटिस सिंड्रोम(AES)या आम भाषा में चमकी बुखार के कारण हाहाकार मचा हुआ है। चमकी बुखार की वजह से बिहार के मुजफ्फरपुर में अबतक 112 बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसफलाइटिस सिंड्रोम(AES) के फैलने के पीछे एक वजह बच्चों का लीची खाना बताया जा रहा है।
मेडिकल विशेषज्ञों और साथ ही राज्य सरकार के मंत्रियों का भी मानना है कि बच्चों की मौत के पीछे लीची खाना एक वजह हो सकता है।बिहार और देश के अन्य उन भागों में एक्यूट इंसफलाइटिस सिंड्रोम(AES) फैल रहा है, इन सभी इलाकों में लीची बहुतायत में पाई जाती है।
इसको देखते हुए ओडिशा सरकार भी अलर्ट पर आ गई है। ओडिशा सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने खाद्य सुरक्षा आयुक्त को खास निर्देश जारी किए हैं। इसमें लीची में विषाक्त सामग्री का पता लगाने के लिए बाजार में बेची जा रही लीची के नमूने एकत्र करने और उसका परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। लीची के बीज में मेथाईलीन प्रोपाइड ग्लाईसीन (एमसीपीजी) होता है। इसी केमिकल को बिहार में बच्चों की मौत के लिए ज़िम्मेदार माना जा रहा है।