बिलावल का बयान- हम कश्मीर लेने की बात करते थे, अभी मुजफ्फराबाद बचाना भी मुश्किल
नई दिल्ली,27 अगस्त(इ खबरटुडे)। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पूरी दुनिया में समर्थन के लिए घूमते रहे लेकिन एक भी देश पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा नजर नहीं आया। वहीं कश्मीर को लेकर पाकिस्तान में नेता से लेकर आमजन तक इमरान की आलोचना कर रहे हैं। अब आलोचना करने वालों में एक नया नाम जुड़ गया है। यह नाम है पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी का।
बिलावल ने पाकिस्तान में मीडिया से कहा कि पहले हम भारत को धमकी देते थे कि हम उससे कश्मीर छीन लेंगे, लेकिन इस नाकाम सरकार के चलते अब हालात ये हो गए हैं कि हमें मुजफ्फराबाद बचाने के लाले पड़ गए हैं।
बिलावल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री इमरान खान और फौज पर तंज कसते हुए कहा कि इमरान खान इलेक्टेड (जनता द्वारा चुना हुआ) नहीं सिलेक्टेड (फौज द्वारा चुना हुआ) पीएम हैं। मुल्क की जनता अब सिलेक्टेड और सिलेक्टर्स से जवाब मांग रही है।
इस्लामाबाद में उनकी पार्टी पीपीपी की एक अहम बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा कि अब ये बात बिल्कुल साफ हो गई है कि वर्तमान सरकार जितनी नाकाम साबित हुई है, पहले की कोई भी सरकार इस कदर नाकाम नहीं हुई। आपने लोकतंत्र के साथ जो खिलवाड़ किया है, उसे हमने बर्दाश्त कर लिया। आपने देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद कर दी, हमने उसे भी बर्दाश्त कर लिया।
आप केवल सोते रहे और जब जागे तो विरोधियों को दबाने के लिए। आप आराम से सोते रहे और मोदी ने कश्मीर छीन लिया। पहले हमारी कश्मीर नीति क्या होती थी? हम प्लान बनाते थे कि कैसे श्रीनगर को लिया जाए? लेकिन अब सिलेक्टेड पीएम इमरान खान के चलते यह हालात बन गए हैं कि हमें सोचना पड़ रहा है कि हम भारत से मुजफ्फराबाद कैसे बचाएंगे?
भुट्टो ने आगे कहा कि हमारी विदेश नीति क्या है? हमारी आर्थिक नीति क्या है? ये उस सब का नतीजा होता है जब एक सिलेक्टेड (फौज) एक आदमी को सिलेक्ट (इमरान) कर प्रधानमंत्री के पद पर बैठाती है। यह सिलेक्टेड व्यक्ति केवल अपने सिलेक्टर्स को खुश करने के लिए देश को तबाह कर देता है।
देश की जनता महंगाई की सुनामी में डूब रही है। कश्मीर भी हमारे हाथों से निकल गया। अब यहां सवाल यह उठता है कि हम किसे दोषी ठहराएं? सिलेक्टेड व्यक्ति को या सिलेक्टर्स को? देश में कोई भी क्षेत्र देख लीजिए। हर जगह कठपुतली (इमरान) नाकाम हुई है। अब हम दोनों से हिसाब लेंगे।
बता दें कि मुजफ्फराबाद पाक-अधिकृत कश्मीर के आज़ाद कश्मीर क्षेत्र की राजधानी और मुख्यालय है। यह शहर मुजफ्फराबाद ज़िले का भाग है और झेलम व किशनगंगा (जिसे पाकिस्तान में नाम बदलकर अब ‘नीलम नदी’ कहते हैं) नदियों के किनारे बसा है। मुजफ्फराबाद जिले के पश्चिम में ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त, पूर्व में नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर भारत द्वारा नियंत्रित कश्मीर के कुपवाड़ा और बारामुला जिले और उत्तर में आजाद कश्मीर का नीलम जिला स्थित है।
1998 की जनगणना के अनुसार मुजफ्फराबाद की जनसंख्या 725,000 थी, तथा 1999 के एक अनुमान के अनुसार यह जनसंख्या बढ़ कर लगभग 741,000 हो गई थी। मुजफ्फराबाद जिले में तीन तहसील और मुजफ्फराबाद शहर शामिल है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी से इस की दूरी 138 किलोमीटर जबकि एबटाबाद से इस का फासला 76 किलोमीटर है।