बाल विवाह में सहभागिता न कर दण्ड से बचे
रतलाम 11 नवम्बर(इ खबरटुडे)। जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी रवीन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा विवाह समारोह में सेवा देने वाले समस्त सेवाप्रदाता पण्डित, मौलवी, नाई, हलवाई, बैण्डवाले, डीजेवाले, केटरर्स, प्रिटिंग प्रेस, ब्युटी पार्लर, घोड़ी वाले सभी लोगों से अपील हैं कि विवाह समारोह में आयोजन की जिम्मेदारी लेने के पूर्व यह सुनिष्चित कर ले कि जिस विवाह की जिम्मेदारी ले रहे हैं
उसमें वर की उम्र 21 वर्ष एवं वधु की उम्र 18 वर्ष पूर्ण हो गई हैं अर्थात बाल विवाह तो नहीं हैं यदि ऐसा होना पाया जाता हैं तो बाल विवाह अवरोध अधिनियम 2008 के तहत यह एक संज्ञेय अपराध है जिसके अंतर्गत 2 वर्ष का सश्रम कारावास या एक लाख रूपये जुर्माने से दण्डित किया जावेगा।