बाकी दुनिया से भारत आइसोलेट, 22 से 29 मार्च के बीच दुनिया से कट जाएगा भारत
नई दिल्ली, 21 मार्च(इ खबरटुडे)।देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार लगातार इससे लोगों को बचाने की कोशिश में लगी है। जहां एक तरफ स्कूलों कॉलेज और माॉल-बाजार बंद कर दिए गए हैं वहीं दूसरी तरफ लोगों को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है। कई लोग इसे डराने वाला बता रहे हैं लेकिन देखा जाए तो यह सरकार की तरफ से आम लोगों की जिंदगी के लिए पैदा हुए खतरे को कम करने की कवायद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में लोगों से अपील की है कि वो 22 मार्च रविवार को जनता कर्फ्यू लगाएं और अगर जरूरत ना हो तो घर से ना निकलें। आखिर प्रधानमंत्री ने 22 तारीख से ही जनता कर्फ्यू की अपील क्यों की है और केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है। हम आपके लिए इन सवालों का जवाब लेकर आए हैं। तो जानिए आखिर क्या कर रही है सरकार।
22 से 29 के बीच दुनिया से कट जाएगा भारत
कोरोना से लड़ाई में पूरी तरह सतर्क और सक्रिय केंद्र सरकार ने बाकी दुनिया से एक सप्ताह के लिए देश को आइसोलेट यानी अलग कर लेने का फैसला किया है। सरकार ने 22 से 29 मार्च तक सभी देशों से आने-जाने वाली उड़ानों पर रोक का एलान किया है। केवल किसी विशेष परिस्थिति में ही उड़ान की अनुमति होगी। अभी तक यूरोपीय संघ के अलावा पांच देशों से ही उड़ानों पर प्रतिबंध था।
देश के अंदर भी आवाजाही को सीमित करने का व्यापक इंतजाम किया गया है। सरकारी दफ्तरों में 50 फीसद कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था करने और बाकी को तीन स्लॉट में कार्यालय बुलाने का निर्देश भी दिया गया है।
यह है अहम कारण
दरअसल, कोरोना फैलने की चार अलग-अलग स्टेजेस हैं। जिनमें से भारत दूसरी स्टेज में है। पहले स्टेज में वह स्थिति आती है जिसमें किसी दूसरे देश से संक्रमित व्यक्ति हमारे देश में आए। वहीं दूसरी स्टेज जिससे फिलहाल भारत गुजर रहा है उसमें विदेश से आए संक्रमित व्यक्ति से स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलने लगे। उदाहरण के लिए भारत में विदेशी पर्यटकों और विदेश यात्रा से लौटे लोगों के कारण संक्रमण फैला। इसमें संक्रमण शुरू होने और इससे प्रभावित लोगों को ढूंढना आसान होता है।
तीसरी स्टेज होती है सामुदायिक प्रसारण की जिसमें संक्रमण स्थानीय स्तर पर तेजी से फैलने लगता है और एक या दो लोगों की बजाय कई इलाके प्रभावित हो जाते हैं। इसमें बिना विदेश यात्रा किए भी लोगों में संक्रमण पाया जाने लगता है। इस स्टेज में यह पता लगा पाना मुश्किल होता है कि संक्रमित व्यक्ति कहां से और कैसे इस वायरस का शिका हुआ। इटली और स्पेन में फिलहाल यही हालात हैं।
वहीं चौथी स्टेज में यह संक्रमण महामारी बन जाता है जैसे चीन में हुआ और भारी संख्या में लोगों की मौत होने लगती है।
भारत में तीसरी स्टेज के लिहाज से ये वक्त बेहद अहम
भारत के लिए यह दौर सामुदायिक प्रसारण के लिहाज से बहुत संवेदनशील माना जा रहा है। ऐसे में अगले एक सप्ताह तक सख्ती के साथ बचाव के उपाय शुरू हो गए हैं।
भारत अब तक उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जो कोरोना के कहर को सीमित रखने में सफल रहे हैं। दरअसल अब तक भारत में जितने मामले आए हैं उनमें अधिकतर विदेश से संक्रमित होकर आए लोगों से फैले हैं। यहां अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला नहीं आया है यानी ऐसा कोई मरीज नहीं मिला है, जिसमें कोरोना से संक्रमित होने का माध्यम नहीं पता हो।
वैज्ञानिकों का मानना है कि देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी संक्रमण का तीसरा दौर अवश्यंभावी है। कोशिश सिर्फ यह होनी चाहिए कि इसकी गति कम हो। ऐसे में उड़ानें रोकने का फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ध्यान रहे कि फिलहाल रोजाना लगभग 300 उड़ानें विदेशों से आ रही थीं। अब भारत चौथा देश बन गया है जिसने सभी देशों से कुछ दिनों से लिए उड़ानें रोक दी हैं।