बदलाव का सिंहस्थ, अग्नि अखाड़ा भी आगे आया
उज्जैन 03 अप्रैल (इ खबरटुडे)।यह सिंहस्थ महापर्व अखाड़ों की परंपराओं, ध्वजा रोहण, पेशवाई तिथि और स्थान बदले जाने को लेकर भी पहचाना जाने लगा है। अब अग्नि अखाड़ा ने अपनी पेशवाई तिथि 14 अप्रैल के स्थान पर 20 अप्रैल कर दी है। इसी दिन बड़ा उदासीन अखाड़ा की पेशवाई भी निकलनी है।
इस सिंहस्थ में अखाड़ों के कई कार्यक्रम ताबड़तोड़ बदले हैं। पहले जूना अखाड़ा के साथ आह्वान और अग्नि अखाड़ा की धर्मध्वजा पूजन तिथि छ: मार्च तय की गई थी। लेकिन बाद में इसे बदलकर 25 मार्च कर दिया गया। जूना अखाड़ा ने तो 27 मार्च को निकलने वाली पेशवाई की तिथि भी आगे बढ़ाकर अब 5 अप्रैल कर ली है। इसी क्रम में निरंजनी अखाड़ा ने बदलाव के तहत अपना पेशवाई स्थल तथा रमतापंच पड़ाव स्थल देवास गेट स्थित संख्याराजे धर्मशाला के स्थान पर इस सिंहस्थ से चार धाम मंदिर जयसिंह पुरा मार्ग कर लिया है।
समय को लेकर दोनों अखाड़ों के बीच तालमेल के प्रयास जारी
अब पंच अग्नि अखाड़े ने अपरिहार्य कारणों से अपनी 14 अप्रैल को निकलने वाली पेशवाई तिथि 20 अप्रैल कर दी है। अखाड़े के महामंत्री श्रीमहंत गोविन्दानंद ब्रह्मचारी महाराज ने पुष्टि करते हुए कहा कि अब पंच अग्नि अखाड़ा अपनी पेशवाई देवास गेस स्थित अखाड़ा स्थल से 20 अप्रैल को निकालेगा। इसकी सूचना प्रशासन तथा अखाड़ा परिषद को भी दे दी गई है। इधर प्रशासन के सामने दोहरी मुश्किल यह है कि 20 अप्रैल को ही शिवाजीपार्क स्थित अलखधाम मेंदिर से बड़ा उदासीन अखाड़ा की भी पेशवाई निकलेगी और 20 अप्रैल के पश्चात प्रशासन कोई भी पेशवाई, जुलूस आदि शहर में नहीं निकालने देगा अत: 20 अप्रैल को एक साथ दो अखाड़ों की पेशवाई निकलेगी। समय को लेकर दोनों अखाड़ों के बीच तालमेल के प्रयास जारी है। अग्नि अखाड़ा के श्रीमहंत गोविन्दानंद ब्रह्मचारी महाराज का कहना है कि आपस में समय आगे पीछे करने में हमें कोई परेशानी नहीं है।