बदलने लगा है नागालैण्ड,समय के साथ चल रहे हैं यहां के युवा
देश के अन्य हिस्सों में नागालैण्ड की नकारात्मक छबि मीडीया के कारण-केसोन्यू योम्हे
डिमापुर(नागालैण्ड),14 जनवरी(तुषार कोठारी/ इ खबरटुडे)। कोई जमाना था,कि पर्वतीय राज्य नागालैण्ड को देश के अन्य स्थानों के लोग अत्यन्त खतरनाक मानते थे। शुरुआती दौर में यहां आंतकवाद और अशांति का वातावरण था,लेकिन पिछले पन्द्रह वर्षों से अब अस्थिरता का वातावरण समाप्त हो गया है और नागालैण्ड अब धीरे धीरे विकास की राह पर चलने लगा है। यहां के नागरिकों में भी अब बदलाव आने लगा है। हांलाकि बदलाव की गति जरुर धीमी है,लेकिन अब नागालैण्ड वैसा नहीं रहा,जैसा कि देश के अन्य हिस्सों में इसे समझा जाता था।
डिमापुर के डीसी केसोन्यू योम्हे नागालैण्ड के ही 2007 बैच के आईएएस है। श्री योम्हे ने बताया कि लम्बे समय तक चली अस्थिरता के कारण बदलाव की गति धीमी है। नागालैण्ड में भी अब भी सड़क बिजली जैसी आधारभूत सुविधाओं का अभाव है। उच्च शिक्षा की सुविधाएं भी नहीं है। लेकिन इस सबके बावजूद अब नागालैण्ड के निवासियों में बदलाव आ रहा है। विकास के प्रति उनकी सोच में बदलने लगी है। डिमापुर और कोहिमा जैसे मुख्य स्थानों पर तो बदलाव की गति पर्याप्त है,लेकिन दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में अब भी बदलाव की गति धीमी है।
श्री योम्हे का कहना है कि नागालैण्ड के प्रति देश के अन्य लोगों की जो धारणा बनी हुई है,उसमें बडा योगदान मीडीया का है। इस प्रदेश की इक्का दुक्का नकारात्मक खबरें ही राष्ट्रीय पटल पर आ पाती है और इसका असर नागालैण्ड की छबि पर पडता है। जबकि वास्तविकता इससे अलग है। आज नागालैण्ड के युवा समय के साथ कदम मिलाकर चल रहे है।
पर्यटन की प्रचुर संभावनाओं के बावजूद फिलहाल यहां पर्यटन उद्योग के प्रति सरकारी स्तर पर कोई उत्साह नहीं है। सामान्य देशी विदेशी पर्यटक यहां आए,इसके लिए राज्य के पास फिलहाल कोई योजना नहीं है। पर्यटन सुविधाओं को बढाने जैसे मुद्दो पर फिलहाल निष्क्रिय नजर आती है।