November 20, 2024

फर्जी मान्यता पर छात्रों को 10 वी – 12 वी की परीक्षा दिलाने वाले स्कूल संचालक को 07 वर्ष का कठोर कारावास

उज्जैन,27 सितंबर (इ खबरटुडे/ब्रजेश परमार )। स्कूल की फर्जी मान्यता के आधार पर 10वीं एवं 12वीं के विघार्थियों को परीक्षा दिलवाने वाले स्कूल संचालक को न्यायालय ने 07वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया है।

न्यायालय श्रीमान मुकेश नाथ द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय महिदपुर जिला उज्जैन के न्यायालय ने आरोपी संदीप पिता बद्रीलाल कलेरिया, निवासी ग्राम गोगाखेड़ा, तहसील महिदपुर, जिला उज्जैन को धारा 467 भादवि में 07 वर्ष का कठोर कारावास, एवं धारा 420,468 भादवि में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 15,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।

उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने अभियोजन घटना अनुसार बताया कि घटना इस प्रकार है कि है कि घटना दिनांक 17/03/2015 को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर को सिटीजन ग्रुप ऑफ एज्युकेशन प्लेसमेंट सर्विस, महिदपुर द्वारा दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेण्ड्री एज्युकेशन की हाईस्कूल/हायर सेकेण्ड्री परीक्षा का आयोजन ’अलंकार हायर सेकेण्ड्री स्कूल, महिदपुर’ में फर्जी तरीके से होने की शिकायत प्राप्त हुई थी। विकासखण्ड स्तर पर गठित जांच दल द्वारा दोपहर करीब 03.00 बजे परीक्षा आयोजन स्थल पर आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उक्त स्थान पर परीक्षा दो कमरों में समय दोपहर 02.00 बजे से 05.00 बजे तक आयोजित की जा रही थी, कुल 36 परीक्षार्थी कक्षा-10वीं एवं 12वीं की परीक्षा देते हुए पाये गये। मौके पर परीक्षा केन्द्राध्यक्ष नहीं पाया गया ।

प्रश्न पत्र/प्रवेश पत्र कहॉ से प्राप्त हुए, इसका संचालन कहां से हो रहा था, इसका पता नहीं चल पाया, छात्रों से परीक्षा देते हुए उत्तर पुस्तिका देखने पर उन पर माध्यमिक शिक्षा मण्डल लिखा हुआ पाया गया, जबकि प्रश्न पत्र पर दिल्ली बोर्ड ऑफ सेकेण्ड्री एज्युकेशन लिखा पाया गया, छात्रों ने मौके पर बताया कि संचालक अभियुक्त संदीप कलेरिया द्वारा उक्त परीक्षा उत्तीर्ण कराये जाने हेतु छात्रों से 10,000/-रूपये की राशि की मांग की गई थी। परीक्षा का संचालन अभियुक्त संदीप कलेरिया द्वारा किया जा रहा था।

मौके पर पंचनामा बनाया तथा परीक्षा केन्द्र स्थल पर से नकल सामग्री/परीक्षार्थीयों की हस्ताक्षरित सूची एवं प्रश्नपत्र (कक्षा 10वीं विज्ञान एवं कक्षा 12वीं विज्ञान) जप्त किये गये। जांच में सिटिजन ग्रुप ऑफ एज्युकेशन प्लेसमेंट सर्विस, महिदपुर (संचालक संदीप कलेरिया) द्वारा दिल्ली बोर्ड ऑफ सीनियर सेकेण्ड्री एज्युकेशन की हाईस्कूल/हायरसेकेण्ड्री परीक्षा का आयोजन अलंकार हायर सेकेण्ड्री स्कूल, महिदपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में किया जाना तथा संचालक अभियुक्त संदीप कलेरिया द्वारा फर्जी तरीके से उक्त परीक्षा का संचालन किया जाना पाया गया ।

विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मुकुटसिंह सोल के द्वारा आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किए जाने के सम्बन्ध में दिनांक 18/03/2015 को जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), महिदपुर को प्रेषित किया गया, उक्त प्रतिवेदन पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), महिदपुर द्वारा आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने की टीप अंकित करने के उपरांत कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी उक्त जांच प्रतिवेदन मय पंचनामा 10वीं एवं 12वीं के प्रश्नपत्र परीक्षार्थी राकेश का एडमिट कार्ड, एक्जाम अटेण्डेंट शीट परीक्षार्थी उपस्थिति पत्रक 10वीं व 12वी का टाइम टेबल, दिनांक 07/03/15 को प्राचार्य अलंकार हायर सेकेण्ड्री स्कूल को संबोधित पत्र लिस्ट ऑफ बोर्ड मेम्बर व नकल सामग्री के साथ पुलिस थाना महिदपुर में दिनांक 18/03/2015 को प्रस्तुत किया गया। उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर अभियुक्त संदीप कलेरिया के विरूद्ध पुलिस थाना महिदपुर पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। आवश्यक अनुसंधान पश्चात् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।

दण्ड के प्रश्न पर:– अभियुक्त के अधिवक्ता द्वारा निवेदन किया गया कि यह उसका प्रथम अपराध है, उसके प्रति सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाये अभियोजन अधिकारी द्वारा आरोपी को अधिकतम दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।

न्यायालय की टिप्पणी:– इस प्रकरण में एक बड़े शिक्षा माफिया गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो भारत के अधिकांश क्षेत्रों में फर्जी व कूटरचित विश्वविद्यालयों व राज्य परीक्षा मण्डल के नामों पर देश के कई क्षेत्रों में फ्रेन्चायजी दे-देकर कई शैक्षणिक पाठ्यक्रम चलाता था, जिसके माध्यम से लोगों व विशेष रूप से विद्यार्थियों को गुमराह करके उनसे बड़ी धनराशि प्राप्त कर उन्हें फर्जी रूप से कक्षा-10वीं, 12वीं सहित कई परीक्षाओं की परीक्षाएं दिलाई जाती थीं, ये सभी परीक्षाएं किसी भी मान्यता प्राप्त राज्य मण्डल या विश्व विद्यालय द्वारा प्राधिकृत नहीं होती थीं, विद्यार्थियों को गुमराह करके बनावटी परीक्षाएं आयोजित की जाती थीं, उन्हें कूटरचित अंकसूचियां प्रदान की जाती थीं और उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जाता था, अभियुक्त भी उसी गिरोह का एक हिस्सा है, जिसने महिदपुर क्षेत्र में उक्त कार्य किया, उक्त अपराध एक गम्भीर सामाजिक अपराध है, जिससे न केवल लोगों का भविष्य खराब होता है, बल्कि कई प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ भी अन्याय होता है, यह कृत्य देश की आर्थिक व सामाजिक व्यवस्था को भी गम्भीर रूप से प्रभावित करता है, इसलिए अभियुक्त सहानुभूति का पात्र नहीं है। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अजय वर्मा, अपर लोक अभियोजक महिदपुर द्वारा की गई।

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