December 24, 2024

प्राणवायु अभियान को प्रदेश भर में सराहना,लेकिन रतलाम के ही अफसर उडा रहे हैं धज्जियां

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रतलाम,30 अप्रैल(इ खबरटुडे)। कलेक्टर बी.चन्द्रशेखर द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए  प्रारंभ किए गए प्राणवायु अभियान को पूरे प्रदेश भर में सराहना मिल रही है,लेकिन उन्ही के मातहत अफसर इसकी धज्जियां उडा रहे है। हाल ही में जिला पंचायत में आए बडे साहब ने अपने बंगले में खडे हरे भरे पेडों को बेदर्दी से कटवा दिया। नए साहब लाखों रु.खर्च करके बंगले का नवीनीकरण करवा रहे है।
प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,आफिसर्स कालोनी में जिपं सीईओ के बंगले में कई बरसों से नीम और अन्य प्रजातियों के दो तीन हरे भरे पेड थे। नए साहब ने आते ही बंगले का नवीनीकरण कराने की ठानी। उन्होने आते ही तमाम निर्माण विभागों के कार्यपालन यंत्रियों को तलब किया और बंगले की नए सिरे से साज सज्जा के आदेश दिए। लोक निर्माण विभाग और आरइएस के अफसरों ने उन्हे बताया कि उक्त बंगला पीएचई के अन्तर्गत है। इसके बाद साहब ने  बंगले के सौन्दर्यीकरण का हुक्म जारी कर दिया।
सरकारी महकमों में इन दिनों इस बात की बडी चर्चा है कि पहले वाले सीईओ साहब बेहद विनम्र थे,लेकिन नए साहब ने तो आते ही कडक अंदाज दिखा दिए। उन्होने इंजीनियरो को बेहद कडे शब्दों में काम करने के निर्देश दिए। जबकि इस बंगले में कुछ ही समय पूर्व मरम्मत आदि का काम हुआ था और फिलहाल यहां किसी तरह के काम की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन साहब के कडे रवैये को देखकर मातहत अफसरों ने उनका हुक्म मानने में ही भलाई देखी। सूत्र बताते है कि बंगले में नई टाईल्स लग रही है। इन टाइल्स को पसन्द करने मैडम खुद गई और कई घण्टों की मशक्कत के बाद उन्होने टाइल्स पसन्द की। बंगले के नवीनीकरण का बजट भी लाखों में पंहुच गया है। मातहत परेशान है कि इस राशि का प्रबन्ध वे कहां से और कैसे करेंगे।

प्राणवायु देने वाले हरे पेडों की कटाई

बात सिर्फ बंगले के नवीनीकरण की होती तो भी ठीक था। बंगले के नवीनीकरण के चलते परिसर में खडे हरे भरे पेड काटने का हुक्म भी नए साहब ने सुना दिया। चूंकि मामला बडे साहब का है,इसलिए यह प्रश्न कौन उठा सकता है कि पेड काटने की अनुमति ली या नहीं ली? हांलाकि पेड काटने की चर्चाएं अब हवाओं में तैरने लगी है। लोग कह रहे है कि एक तरफ तो कलेक्टर प्राणवायु अभियान के लिए कर्मचारियों को दण्डित कर रहे है,दूसरी ओर उन्ही के मातहत बरसों से खडे हरे भरे पेडों को बेदर्दी से काटे दे रहे हैं।

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