प्राचार्य की हठधर्मिता के चलते एनसीसी के सैनिक प्रशिक्षण से वंचित हो रहे हैं पिपलौदा के स्कूली छात्र,सहमति नहीं दी तो छीन जाएगी एनसीसी की आनेवाली यूनिट
रतलाम,25 जून (इ खबरटुडे)। छात्रों में देश प्रेम और अनुशासन के भाव भरने और सामान्य स्तर का सैनिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए देष में छात्र सेना अर्थात एनसीसी का गठन किया गया है। एनसीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को शासकीय सेवाओं में अतिरिक्त वरियता भी दी जाती है। छात्र जीवन में ही सैनिक प्रशिक्षण लेने वाले व्यक्ति को पूरे जीवनभर इसका लाभ मिलता है। एनसीसी की यह महत्वपूर्ण सुविधा कुछ ही शासकीय स्कूलों में उपलब्ध है। एनसीसी की इन्ही खासियतों के चलते स्कूलों में एनसीसी की भारी मांग रहती है,लेकिन एनसीसी प्रशासन संसाधनों की कमी के चलते सभी स्कूलों में एनसीसी प्रशिक्षण उपलब्ध नहीं करवा पाता है। लेकिन जिले में एक स्कूल ऐसा भी है,जहां एनसीसी प्रशासन तो एनसीसी चालू करने को तैयार है,लेकिन प्राचार्य की हठधर्मिता के कारण छात्रों को यह बेहद उपयोगी सुविधा मिल नहीं पा रही है।
एनसीसी के महत्व और उपयोगिता को देखते हुए कई स्कूलों द्वारा एनसीसी प्रारंभ करने की मांग की जाती है,लेकिन संसाधनों के अभाव में यह संभव नहीं हो पाता। अधिक मांग के चलते एनसीसी के लिए स्कूलों की वेटिंग चलती रहती है और एनसीसी निदेशालय व्यवस्था होने पर वेटिंग लिस्ट के हिसाब से स्कूलों को एनसीसी ब्रांच आवंटित करता है। पिछले दिनों जिले के दो शासकीय स्कूलों पिपलिया जौधा और पिपलौदा में एनसीसी प्रारंभ करने की अनुमति एनसीसी निदेशालय द्वारा प्रदान की गई। निदेशालय की अनुमति प्राप्त होने के बाद स्कूल प्रषासन को इसकी कुछ औपचारिकताएं पूरी करना होती है,जिससे कि एनसीसी ब्रांच प्रारंभ की जा सके,लेकिन पिपलौदा शासकीय उमा विद्यालय के प्राचार्य इन औपचारिकताओं को पूरा करने को तैयार ही नहीं है।
एनसीसी की इक्कीसवीं बटालियन के सूत्रों के अनुसार,किसी भी स्कूल में एनसीसी ब्रांच शुरू करने के लिए वहां के ऐसे शिक्षक की सहमति जरुरी होती है,जिसकी आयु 42 साल से कम हो। पिपलौदा विद्यालय में पदस्थ एक शिक्षक गणेश मालवीय द्वारा इसकी सहमति भी दे दी गई,लेकिन विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य राजेन्द्र धनोतिया शिक्षक की सहमति का पत्र बटालियन मुख्यालय को भेजने को राजी ही नहीं है।
एनसीसी बटालियन के सूत्रों के मुताबिक यदि पिपलौदा विद्यालय से सहमति का पत्र जल्दी प्राप्त नहीं हुआ,तो पिपलौदा को मिलने जा रही यह सुविधा किसी अन्य स्कूल को दे दी जाएगी। पिपलौदा के स्कूली बच्चों को मिलने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा प्रभारी प्राचार्य की हठधर्मिता से छीन जाने की स्थिति में पंहुच चुकी है। जिला शिक्षा अधिकारी अमर वरदानी का कहना है कि पिपलौदा विद्यालय में एनसीसी के लिए जिस शिक्षक ने सहमति दी है,वह प्राथमिक शाला के शिक्षक है। एनसीसी इसे स्वीकार नहीं करती,लेकिन दूसरी ओर एनसीसी के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि शिक्षक प्राथमिक स्तर का है या उच्चतर माध्यमिक स्तर का। एनसीसी के लिए महत्वपूर्ण यह है कि शिक्षक का केन्द्र उसी विद्यालय में होना चाहिए जहां एनसीसी प्रारंभ होना है और उसकी आयु 42 साल से कम होना चाहिए।